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उच्च कोलेस्ट्रॉल को जड़ से खत्म कर सकते हैं ये 3 हरे पत्ते

वर्तमान समय में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। हर उम्र के लोग कोलेस्ट्रॉल के मरीज बन रहे हैं। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाए, तो दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली और बेहतर खान-पान जरूरी होता है। इसे नियंत्रित करने के लिए दवाओं के अलावा कुछ घरेलू नुस्खे भी बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। कुछ पौधों के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं, जिनका सेवन करने से बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करने में काफी मदद मिल सकती है। आज आपको ऐसे ही तीन पत्तों के बारे में बता रहे हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए रामबाण हो सकते हैं।

मेथी के पत्ते – उच्च कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए हरी मेथी खाना बेहद फायदेमंद है। हेल्थलाइन के प्रतिवेदन के अनुसार कई शोध में यह बात सामने आई है कि मेथी के पत्तों में मौजूद पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। माना जाता है कि स्टेरॉइडल सैपोनिन कोलेस्ट्रॉल अवशोषण और संश्लेषण को रोकता है, जबकि फाइबर ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है। मधुमेह के मरीजों के लिए भी हरी मेथी को लाभकारी माना जाता है। मेथी दाना और मेथी पाउडर भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है।

करी पत्ता – अक्सर खाने-पीने की चीजों में इस्तेमाल किए जाने वाले करी पत्ते को कोलेस्ट्रॉल कम करने में कारगर माना जाता है। कई शोध में भी करी पत्ते के इस फायदे पर मुहर लग चुकी है। करी पत्ते का सेवन करने से उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम करने में मदद मिलती है। आहार में करी पत्ते को शामिल करने से दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा भी कम हो सकता है। करी पत्ता का सेवन करने से दिल के स्वास्थ्य को मजबूती मिलती है। करी पत्ता दिल और दिमाग दोनों के लिए अच्छा होता है।

तुलसी के पत्ते – आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों को कई बीमारियों के इलाज के लिए फायदेमंद माना गया है। तुलसी के पत्तों में पाए जाने वाले आवश्यक तेल उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करते हैं. कोलेस्ट्रॉल कम करने से दिल के स्वास्थ्य को मजबूती मिलती है। तुलसी के पत्तों में मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में होता है, जो रक्त वाहिकाओं को आराम देता है। इससे खून की धमनियों में खून का बहना बेहतर होता है। ऐसा होने से कई दिल की बिमारियों का खतरा भी कम हो सकता है।

आशीष ठाकुर – हिमाचल प्रदेश