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लुप्रोशी और कोरोना के बाद एक और महामारी कैमल फ्लू के फैलने का खतरा

हम आपको बता दे कैमल फ्लू सांस से संबंधित बीमारी है सबसे पहले 2012 में सउद्दी अरब में mars का पहला मामला आया था। कोरोना वायरस के तरह यह श्वास से संबंधी समस्या है। जिसे जानवरो मे कैमल और इंसानो को अत्यधिक खतरा है इस वायरस का जल्द बिशाल महामारी बनने का संभावना है। इस बीमारी के चपेट में आने वाले आधे से ज्यादा लोगो की मृत्यु हो जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनीजेसन के रिपोर्ट के मुताबिक इसका लक्षण भी कोरोना से मिलता जुलता है इसका एक लक्षण डेरिया है। इस वायरस में भी सांस की समस्या तेज बुखार ,सर्दी, खासी, जैसी समस्या आती हैं। इसका असर 60 से अधिक उम्र के लोगो पर ज्यादा हो रहा है। कैंसर डियाईटीज हापर्टेंशन के रोगियों को इस वायरस का ज्यादा खतरा है। कैमल फ्लू वायरस इंसानो में जानवरो द्वारा आसानी से फैलता है। इसका अभी तक कोई ईलाज नही मिला है। इस समय कैमल का दुध और मांस के सेवन से संक्रमण हो सकता है। माना कि कैमल का दुध और मांस सेहतमंद होता ह पर आज के समय मे इसे खाना खतरनाक साबित हो सकता हैं। कैमल से दूरी बनाये रखना का अपील किया गया है। इस वायरस मे भी कोरोना के सारे लक्षण दिखाई दे रहे है तथा इस बचने के कैमल से दूरी बनाये रखना होगा।

रिपोर्ट:वंशिका सिंह