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पुंछ में हुए आतंकी हमले में सेना के 5 जवान शहीद

भारत गणराज्य के केंद्रशाषित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को दोपहर 3 बजे के करीब सेना के ट्रक पर आतंकवादियों ने गोलीबारी कर दी। उसके बाद ट्रक ने आग पकड़ ली, जिसके कारण उसमें बैठे 5 जवान आग में झुलस गए और झूलसने से वह शहीद हो गए। सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के नाम लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह, सिपाही सेवक सिंह और हवलदार मनदीप सिंह हैं। जिनमें लांस नायक देबाशीष बसवाल उड़ीसा के निवासी थे और बाकी जवान पंजाब के रहने वाले थे।

सेना को यह संदेह हैं की अज्ञात आतंकियों ने ग्रेनेड से ट्रक पर हमला किया होगा तभी गाड़ी ने आग पकड़ ली होगी।

भारतीय सेना के उत्तरी कमांड मुख्यालय से जारी हुए बयान में यह बताया गया कि जवानों को लेकर ट्रक भिबंर गली से पुंछ की ओर जा रहा था। बारिश हो रही थी। विजिबिलिटी भी बहुत कम थी। आतंकवादियों ने इसी का लाभ उठाया। हमले में एक जवान गंभीर रूप से ज़ख्मी हुआ है। उसे राजौरी के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जारी बयान में यह भी कहा गया कि सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवान राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के थे। उन्हें इस क्षेत्र में आतंकवादियों के विरुद्ध जारी ऑपरेशनों में लगाया गया था। इससे पूर्व एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि जवानों की मौत ट्रक में आग लगने के कारण हुई। यह भी संदेह हो रहा है कि बिजली गिरने से ट्रक में आग लग सकती है।

भारतीय सेना के प्रमुख मनोज पांडे ने इस हमले की जानकारी भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दी।

रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रिटायर्ड) पीके सहगल ने इस हमले का कारण सतर्कता की कमी बताई। उन्होंने कहा कि यह स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर है कि जब मौसम खराब हो, बारिश हो, कोहरा हो उस वक़्त इस तरह के हमले हो सकते हैं।

राष्ट्रीय राइफल्स (आर आर) के जवान तो हाई लेवल ट्रेंड के होते हैं। ऐसे वक़्त में जब आक्रमण हो सकता था, तब उनकी कंपनी को सतर्क रहना चाहिए था। सतर्कता में कमी का लाभ पाकिस्तान ने उठाया और यह हमला हुआ। मुझे उम्मीद है कि सर्च ऑपरेशन जारी हो गया होगा। जल्द ही हमला करने वालों को गिरफ़तार कर लिया जाएगा। उन्हें वापस पाकिस्तान नहीं जाने दिया जाएगा।

23 और 24 अप्रैल को कश्मीर में जी-20 देशों की पर्यटन को लेकर बैठक होनी है। कुछ दिन पूर्व भारत के गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर गए थे, उन्होंने कहा था कि सुरक्षा में किसी भी तरह की ढील नहीं होनी चाहिए, जिससे पाकिस्तान को कोई अवसर न मिले। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बनाने का प्रयास करेगा। वह जी-20 सम्मेलन को देखते हुए हमें हर तरह की क्षति पहुंचाने का प्रयास करेगा।

आपको बता दें कि इसी वर्ष 11 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में सेना के एक अधिकारी और 2 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। यह तीनों भारतीय सेना की चिनार कोर के सैनिक थे। एक जेसीओ और 2 ओआर रैंक का दल रोज के ऑपरेशन के लिए निकला था। बर्फ़ की वज़ह उनकी गाड़ी फिसलकर गहरी खाई में गिर गई थी।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश