• Sat. Apr 27th, 2024

एनएसए अजित डोभाल ने चीन पर साधा निशाना

जोहांसबर्ग: भारत गणराज्य के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने मंगलवार को कहा कि ब्रिक्स समूह संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की आतंकवादी विरोधी प्रतिबंध समिति के साथ मिलकर आतंकवादियों और उनके समर्थकों को सूची में शामिल करने में सहयोग कर सकता है। उन्होंने इस प्रक्रिया को निष्पक्ष, स्वच्छ और पारदर्शी बनाए रखने की बात कही।

एनएसए डोभाल ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में ब्रिक्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में इस बात का जिक्र किया। इस बैठक में चीन के नए विदेश मंत्री वांग यी, जो राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी हैं, भी मौजूद थे। उन्हें मंगलवार को ही चीन के विदेश मंत्री पद पर नियुक्त किया गया है।

चीनी जनवादी गणराज्य और पाकिस्तान इस्लामिक गणतंत्र की दोस्ती का कोई राज नहीं है। यह दोनों देश एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। इसलिए, चीन संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी विरोधी प्रतिबंध समिति में पाकिस्तान से संबंधित आतंकवादियों को सूची में डालने के प्रस्ताव को कई बार वेटो कर चुका है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों और उनके सरपरस्तों को यूएन के संकटप्रतिक में शामिल होने से रोकते हैं।

भारत के एनएसए अजित डोभाल ने कहा कि ब्रिक्स देशों को संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादी विरोधी प्रतिबंध समिति में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने मंगलवार को बिना किसी देश को सीधे इशारा किए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध कमेटी के फैसले को सियासत और दोहरे मानकों से प्रभावित होने से बचाना जरूरी है।

ब्रिक्स समूह में पांच देश ब्राज़ील का संघीय गणराज्य, रूसी महासंघ, भारत गणराज्य, चीनी जनवादी गणराज्य और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य शामिल हैं। 13वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में, भारत के एनएसए अजित डोभाल ने आतंकवाद को राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कुछ आतंकी संगठन बेखौफ़ होकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।

डोभाल ने दक्षिण अफ्रीका को भारत में इस साल हो रही जी20 की अध्यक्षता में सहायता करने की तारीफ़ की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पूरी तरह से दक्षिण अफ्रीका के साथ है, जो 2023 में ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालेगा।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश