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पप्पू यादव की गिरफ्तारी का राज … डर या lockdown का उल्लंघन?

सत्ता में बैठी पार्टी जो नहीं कर पाती, जब वो कोई और करदे तो कानून के लंबे हाथों का इस्तेमाल कर उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है । अगर सत्ता में बैठे लोगों की कोई पोल खोल दे तो अंधे कानून को सच्चाई से रूबरू कराने वाला ही अपराधी नजर आता है । कुछ ऐसा ही तो हुआ है पप्पू यादव के साथ । अब पप्पू यादव सिर्फ बिहार में जाना माना नाम नहीं है अब पूरे देश के साथ ट्विटर पर भी ट्रेंड कर गया है। #releasepappuyadav की एक मुहिम चल गई है । हालांकि गिरफ्तारी की वजह तो बड़ी है, इतनी बड़ी गुस्ताखी जो की है पप्पू यादव ने…. बीजेपी के मंत्री की पोल जो खोल कर रख दी , जनता की सेवा में दिन रात एक कर दी । खैर पुलिस ने ये वजह नहीं दी , अंधे कानून का कहना है कि पप्पू यादव लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे थे । इस वाक्य के बाद मन में सवालों की बाढ़ आ गई । सवाल ये की चुनावी रैलियां , पंचायत चुनाव का तांडव ये सब आखिर उल्लंघन की लिस्ट से बाहर कैसे हैं ? सवाल ये की जब मरीजों को एंबुलेंस नही मिल रही , ऑक्सीजन सिलेंडर ना मिलने से मरीजों की मौत हो रही हैं … तब सत्ताधारी पार्टी के नेता के यहां आखिर दर्जनभर एंबुलेंस धूल क्यों फांक रही थी ? सवाल ये भी कि जिसने सरकारी पैसे से खरीदी एंबुलेंस छुपा रखी थी उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं और जिसने इस कांड को उजागर किया उसको अपराधी बताना कौनसा इंसाफ है ? सिस्टम ..सिस्टम का राग अलापने वाले जरा देखे बिहार का सिस्टम । चोरी करोगे , घोटाले करोगे तो मिलेगी सत्ता की मलाई और अगर समाज के लिए कुछ करोगे तो मिलेगी बुराई । बाहुबली भी कहा जाता है पप्पू यादव को , दबंग भी कहा जाता है लेकिन आज यही दबंग लोकतंत्र में इस सिस्टम की सच्चाई तो उजागर करने की हिम्मत रखता है। वरना कुर्सी पर बैठे सफेदपोश तो ना जाने कितने काले कारनामे करते जा रहे हैं और जनता की रक्षा करने के वादे करने वाली खाकी की तो इतनी भी हिम्मत नहीं की कुछ बोल दे । तो अब सोच लीजिए समाज सेवा करने से पहले कि आपका यही हश्र होगा क्योंकि जो सरकार खुद भी कर सकी वो किसी और को करने नहीं देगी !

मेघना सचदेवा