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127वां संविधान संशोधन: ओबीसी बिल का पहले कर रहे थे विरोध, अब कर रहे है सपोर्ट

सरकार ने संसद में संविधान 127वां संशोधन विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक के पास होने के बाद जहां राज्यों को एक बार फिर ओबीसी सूची में किसी जाति को अधिसूचित करने का अधिकार मिल जाएगा। ऐसे में सरकार को संविधान संशोधन पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इस विधेयक के पारित होने के बाद हरियाणा में जाट, महाराष्ट्र में मराठा, कर्नाटक में लिंगायत और गुजरात में पटेल को ओबासी में शामिल करने का अधिकार राज्यों को मिल जाएगा। इससे पहले सरकार ने मेडिकल के केंद्रीय कोटे में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया था। भाजपा अपना जनाधार मजबूत कर रही है। यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों की नजर पिछड़ा वर्ग पर है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पिछड़ा वर्ग सम्मेलन कर ओबीसी मतदाताओं का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, बसपा ने ओबीसी जनगणना की मांग कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। 2014 के चुनाव में विदर्भ में भाजपा को जमकर वोट मिला था, पर 2019 के चुनाव में पार्टी अपना प्रदर्शन दोहराने में नाकाम रही है। अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक पर सरकार व विपक्ष की मोटी सहमति नजर आई और दोनों पक्ष इस पर साथ दिखे। इस विधेयक को सोमवार को सदन में पेश किया गया है जिसे मंगलवार को चर्चा कर पारित कराया जाएगा।

सतीश कुमार (ऑपरेशन हेड, साउथ इंडिया)