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वुहान लैब से लीक हुआ था वायरस, भारतीय वैज्ञानिक ने की पुष्टी

भारतीय वैज्ञानिक दंपत्ति ने दावा किया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान लैब से लीक हुआ था। पुणे के रहने वाले वैज्ञानिक दंपत्ति डॉ. राहुल बाहुलिकर और डॉ. मोनाली राहलकर ने दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठे अनजान लोगों के साथ मिलकर इंटरनेट से इस संबंध में सबूत जुटाए हैं। जिन लोगों ने इंटरनेट से सबूत एकत्रित किए हैं वे पत्रकार, गुप्तचर या खुफिया एजेंसियों के लोग भी नहीं हैं।चाइनीज एकेडमिक पेपर और गुप्त दस्तावेजों के अनुसार इसकी शुरुआत साल 2012 से होती है। उस समय छह खदान श्रमिकों को यन्नान के मोजियांग में उस माइनशाफ्ट को साफ करने भेजा गया था जहां चमगादड़ों का आतंक था।इसके उलट ड्रैस्टिक का दावा है कि शी को एक अज्ञात कोरोना स्ट्रेन मिला जिसे उन लोगों ने आरएसबीटीकोव/4491 का नाम दिया। रिपोर्ट के अनुसार वुहान वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट के साल 2015-17 के पेपर में इस का विस्तार से जिक्र किया गया है। ये बहुत ही विवादित प्रयोग थे जिन्होंने वायरस को बहुत अधिक संक्रामक बना दिया।

सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)