• Fri. Apr 19th, 2024

केंद्र के कड़े रुख के बाद ट्विटर पड़ा नरम, भागवत समेत कई RSS नेताओं को वापस दिए ब्लू टिक

केंद्र और ट्विटर के बीच की तल्खी कम होने का नाम नही ले रही है। सरकार द्वारा लाए गए नए नियमों के बीच ट्विटर ने देश के कई नेताओं से ब्लू टिक हटा दिया। ट्विटर के इस कदम के बाद विवाद और बढ़ गया है। ट्विटर ने पहले देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नाडयू के ट्विटर अकांउट से ब्लू टिक हटाया। इसके बाद ट्विटर ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के अकांउट से भी ब्लू टिक हटा दिया था। ट्विटर यहीं नही रूका ट्विटर ने RSS से जुड़े कई नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक वापस ले लिए थे। ट्विटर के इस कदम के बाद केंद्र सराकर ने ट्विटर के खिलाफ कड़े रुख अपनाने की बात कही।
केंद्र के कड़े रवैये के बाद ट्विटर नरम पड़ गया और उसने उपराष्ट्रपति वेंकैया नाडयू RSS प्रमुख मोहन भागवत समेत सभी स्वंय सेवक संघ के कार्यकर्ताओं को उनके अकाउंट का ब्लू टिक फिर से बहाल कर दिया। ट्विटर के इस नरम रुख के बाद यही लग रहा है कि ट्विटर इस विवाद को अब खत्म करना चाहती है। केंद्र सरकार ने जब से नए आईटी नियम लागू किए है तब से ट्विटर की बौखलाहट साफ देखी जा सकती है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नाडयू के अकाउंट से ब्लू टिक हटाने पर ट्विटर ने यह सफाई देते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति का ट्विटर अकाउंट लंबे समय से लॉग इन नहीं किया गया, इसी कारण उनके अकाउंट से ब्लू टिक हटाना पड़ा। ट्विटर के इस सफाई पर सरकार ने कड़ा एतराज दिखाया। सरकार ट्विटर के इस फैसले से काफी रुष्ट भी हुई।
सरकार ने इस घटना के बाद सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि सभी ओटटी प्लेटफार्म समय रहते नए नियम लागू कर ले अगर वह ऐसा नही करते हैं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार द्वारा दिए गए इस अल्टीमेटम के बाद ट्विटर क्या करती है।
आपकों बतादें की ट्विटर इस कानून और केंद्र की नीति के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका भी डाल चुका है। हाईकोर्ट में ट्विटर ने यह दलील देते हुए कहा था कि नए कानून के अनुसार उन्होंने 28 मई को शिकायत अधिकारी को नियुक्त कर दिया है, पर सरकार इससे खुश नही हैं। इसे देखते हुए लगता है कि अभी यह विवाद और बढ़ने वाला है।
सौरव कुमार