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एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी का हुआ निधन, भीमा कोरगांव हिंसा मामले में पिछले साल हुए थे गिरफ्तार

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी का आज निधन हो गया। फादर स्टेन स्वामी के निधन पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शोक प्रकट किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि फादर स्टेन स्वामी के निधन पर हार्दिक संवेदना, वह न्याय और मानवता के पात्र थे।
उनके वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। पिछले साल हुए भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी ने आरोप लगाए थे कि स्टेन का नक्सलियों के साथ संपर्क है, और वो प्रतिबंधित माओवादी संगठन के संपर्क में हैं।
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के बाद स्टेन स्वामी को मुंबई के तलोजा जेल भेज में कैद कर रखा गया था। स्टेन स्वामी ने खराब स्वास्थ्य सुविधा के लिए कोर्ट में शिकायत भी की थी। जब स्वामी की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ने लगी तो 28 मई को मुंबई हाईकोर्ट ने उन्हें जेल से अस्पताल भेजने का निर्देश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद उनका इलाज मुबंई के होली फैमिली अस्पताल में उनका इलाज चलने लगा। शनिवार को स्टेन स्वामी के वकील ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि स्टेन की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है।
आपको बता दें की स्टेन स्वामी ने खुद मई महीने में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए अदालत से कहा थी कि उनकी तबीयत लगातार खराब होते जा रही है। इसलिए उन्हें अंतरिम बेल दे दिया जाए। अगर अदालत उनकी अपील को नहीं सुनती है और स्थिति ऐसी ही बनी रही तो बहुत जल्द उनकी जान चली जाएगी।
स्टेन स्वामी द्वारा बेल की अर्जी का विरोध NIA ने किया था। NIA ने कोर्ट से कहा था कि स्टेन की बीमार होने कि कोई पुख्ता सबूत नहीं है। जांच एंजेसी द्वारा यह भी कहा गया कि वह एक माओवादी है जिसने देश में अस्थिरता लाने की कोशिश की है। स्टेन स्वामी को भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में आरोपित बनाकर गिरफ्तार किया गया। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। NIA ने उन्हें गिरफ्तार कर कहा था कि इस भीषण हिंसा के पहले एलगार परिषद की एक सभा हुई थी। इस सभा में फादर स्टेन स्वामी ने भड़काऊ भाषण दिया था, जिस कारण हिंसा और बढ़ गई थी।
आपको बतादें की फादर स्टेन स्वामी ने करीब 5 दशक तक झारखंड में आदिवासियों के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी और उनके संघर्ष में उनका साथ दिया। उनका कहना था कि नक्सलियों के नाम पर 3000 लोगों को जेल में डाल दिया गया है। इन सभी का केस भी अभी पेंडिग है। फादर स्टेन स्वामी इनका केस हाईकोर्ट में लड़ रहे थे।
सौरव कुमार