स्वीडन (Sweden) की पिछले काफी समय से नाटो (NATO – North Atlantic Treaty Organization) में शामिल होने की इच्छा मानी जा रही है। नाटो 31 देशों का एक ऐसा ग्रुप है जिसमें 29 यूरोपीय देश और 2 नॉर्थ अमरीकी देश शामिल किया जाता है। नाटो के सभी मेंबर देश सैन्य मामलों में एक-दूसरे की मदद करते हैं। इसका सबसे ज़्यादा फायदा नाटो में शामिल छोटे देशों को मिल रहा है।। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्वीडन में काफी समय से नाटो का मेंबर बनना चाहता है, पर इस काम में स्वीडन को कामयाबी नहीं मिल रही थी। पर अब जल्द ही स्वीडन की नाटो में शामिल होने की इच्छा पूरी हो जाती है।
तुर्की ने दिया ग्रीन सिग्नल
नाटो का मेंबर बनने के लिए किसी भी देश के लिए ज़रूरी है नाटो के सभी मेंबर देशों की स्वीकृति। स्वीडन को नाटो के सभी मेंबर देशों ने नया मेंबर बनने की स्वीकृति दे दी थी, सिवाय तुर्की (Turkey) की बात करें तो। पर अब तुर्की की तरफ से भी स्वीडन को नाटो में शामिल होने का ग्रीन सिग्नल मिलना शुरू हो गया है। 2023 शिखर सम्मेलन शुरू होने से एक दिन पहले ही तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdoğan) ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने को ग्रीन सिग्नल दे दिया है। नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोल्टेनबर्ग (Jens Stoltenberg ने भी इस बात की पुष्टि हुई है।
तुर्की के स्वीडन को नाटो में शामिल करने की बात को ग्रीन सिग्नल देने के फैसले का स्वागत स्वीडन और नाटो के सभी मेंबर देशों ने किया गया हैं। ऐसे में स्वीडन जल्द ही नाटो का नया और 32वां मेंबर देश बन जाएगा।