जयपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सिमी के 12 सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है ये सभी इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स रहे है। जबकि एक आरोपी को बरी किया गया है। मामला सिमी की स्लीपर सेल से जुड़ा है और करीब सात वर्ष पुराना है जिसका फैसला आज कोर्ट से आया है। कोर्ट ने सिमी की स्लीपर सेल के रूप में काम करने वाले इन इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को आतंकी माना है और इन पर आरोप था कि ये सिमी के लिए बम बनाने जैसे देशद्रोही काम मे लगे हुए थे। ATS ने आरोप लगाया था कि उमर ने इन्हें स्लीपर सेल के रूप में संगठन से जोड़ा था और ये सब आतंकी गतिविधियों में सम्मलित हो गए थे लेकिन किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम देने से पहले ही इन्हें पकड़ लिया गया। इन पर पिछले सात वर्षों से कोर्ट में मुकदमा चल रहा था। इन पर रेकी करने, आतंकी गतिविधियों के लिए फण्ड कलेक्शन, फर्जी डाक्यूमेंट्स से सिम खरीदना एवं अन्य आतंकियों को रुकने के लिए जगह उपलब्ध करवाना जैसे आरोप लगे थे। ATS ने इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल एवं अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया था एवं कोर्ट में कुछ डॉक्यूमेंट्री वीडियो भी पेश किए थे।