आईएएम ने मांग की है कि लोगों के लिए कोविड-19 टीका वहनीय बनाने के लिए जन औषधि योजना के तहत इसे खुले बाजार में उतारना चाहिए। इसके साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने केंद्र से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को उसके केंद्रों पर मुफ्त टीका सुनिश्चित करने की मांग की है।
आईएएम ने एक बयान जारी कर कहा कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए जो खर्च आएगा वह कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने से होने वाले आर्थिक लाभ के मुकाबले बहुत कम है। डॉक्टरों के संगठन ने कहा कि कोविड-19 से प्रतिरक्षा हेतु टीकाकरण सरकार के लिए भी प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि इससे न केवल व्यक्ति सुरक्षित होता है बल्कि समुदाय की सुरक्षा बढ़ाती है और हर्ड इम्यूनिटी (सामुदायिक प्रतिरक्षा) का भी रास्ता साफ होता है।
एसोसिएशन ने टीके की कीमत तय करने में भी पारदर्शिता की मांग की। आईएमए ने कहा,‘अब उत्पादकों को कीमत तय करने की अनुमति दी गई है। यह स्तब्ध करने वाली बात है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने टीके की एक खुराक की कीमत 600 रुपये रहने का अनुमान लगाया है। आईएमए इसमें पारदर्शिता की मांग करता है और सरकार से अनुरोध करता है कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को मुफ्त में टीका दिया जाए।
-सतीश कुमार, चेन्नई।