वॉशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूसी महासंघ के हमलों से निपटने के लिए यूक्रेन को 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान करने का ऐलान किया है। इसमें वायु सुरक्षा प्रणाली और हमलावर ड्रोन सम्मिलित हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन के मुताबिक, सैन्य पैकेज में नासाम्स नामक चार उत्कृष्ट मिसाइल सिस्टम, मध्यम प्रभाव की वायु सुरक्षा बैटरियां शामिल हैं। इससे यूक्रेन को मिसाइल और ड्रोन हमलों से बचने में सहायता मिलेगी। इस प्रकार की सुरक्षा प्रणाली का प्रयोग अमेरिका की राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा में किया जाता है।
पेंटागन के अनुसार, यह यूएसएआई पैकेज अमेरिका का यूक्रेन की लड़ाई की जरूरतों को पूरा करने का संकल्प प्रकट करता है। इसके अलावा, यह यूक्रेन की सेना को अपने क्षेत्र की सुरक्षा करने और रूस के हमलों से बचाव करने की स्थिर और दीर्घकालिक योग्यता को मजबूत करता है।
अमेरिका यूक्रेन को 12 नासाम्स देने का फैसला किया है। मीडिया के मुताबिक, रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पिछले साल नवंबर में बताया था कि नासाम्स से रूसी हमलों को 100 प्रतिशत रोका जा सकता है। इससे पहले, मंगलवार को, लॉयड ऑस्टिन ने यूक्रेन के साथी देशों के साथ मुलाकात करने के बाद कहा था कि हम रूस से लड़ने में यूक्रेन की पूरी सहायता करेंगे।
मीडिया के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि पश्चिम के देशों ने संयुक्त राष्ट्र के जरिए हुए ब्लैक सी ग्रेन समझौते को बढ़ाने के लिए मॉस्को की मांगों का पालन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यदि समझौते की सारी शर्तें मानी जाती हैं रूस समझौते में शामिल होने पर सोचेगा।
पुतिन ने कहा कि मॉस्को ने पहले से ही समझौते को आगे बढ़ाने और शांतिपूर्ण रूप से काम करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने समझौते को बिगाड़ने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है, उन्होंने कोई मौका नहीं छोड़ा है। पुतिन ने यह भी आरोप लगाया कि रूस को सबसे ज्यादा ज़रूरतमंद देशों को उर्वरक पहुंचाने से मना किया गया है।
अगले महीने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्स के सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वीडियो के ज़रिए हिस्सा लेंगे। यह बात दक्षिण अफ्रीकी के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने बताई है। पुतिन पर पश्चिमी देशों का उनको गिरफ्तार करने का प्रयास चल रहा है।
क्रीमिया पुल पर हमले के बाद से रूस की सेना ने यूक्रेनी क्षेत्रों को बार-बार हमले का निशाना बनाया है। उसने यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह पर दूसरी रात भी कई हवाई हमले करवाए। यूक्रेनी प्रशासन ने इन हमलों को ‘भयानक’ कहते हुए आतंकवाद का मामला दर्ज किया है।
चीनी जनवादी गणराज्य ने बताया कि उसने रूसी नौसेना के साथ मिलकर अभ्यास करने के लिए अपने युद्धपोतों को भेजा है। चीन का यह कदम यह दिखाता है कि बीजिंग मॉस्को के हमलों का साथ दे रहा है, जो यूक्रेन के खिलाफ हैं।
अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश