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87 हजार लोगों ने छोड़ी भारत की नागरिकता

नई दिल्ली: भारत गणराज्य के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने संसद को बताया कि वर्ष 2011 से अब तक 17.5 लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता त्याग दी है। इस साल के पहले पांच महीने में ही 87 हजार से ज्यादा लोगों ने ऐसा किया है। इनमें से संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।

विदेशी मंत्री से लोक सभा सांसद पी चिंदबरम ने पूछा कि पिछले तीन सालों में कौन-कौन से भारतीयों ने अपनी नागरिकता त्यागी है? उन्होंने यह भी जानना चाहा कि उन्होंने किस-किस देश की नागरिकता प्राप्त की है और क्या पिछले 12 सालों में नागरिकता समाप्त करने का प्रवृत्ति सबसे अधिक है?

जयशंकर ने कहा कि पिछले 20 सालों में अनेकों भारतीय विश्व के कामकाजी स्थलों का चयन करते आए हैं। उनमें से कुछ ने अपनी सुविधा के अनुसार विदेशी नागरिकता प्राप्त की है। विदेश मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2020 में 85 हजार, 2021 में 1.63 लाख और 2022 में 2.25 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता समाप्त कर दी थी।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने इस विषय पर ध्यान दिया है और मेक इन इंडिया के माध्यम से देश में ही लोगों की प्रतिभा का सम्मान किया है। सरकार ने स्किल और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन भी प्रदान किया है।

जयशंकर ने कहा- विदेश में रहने वाले भारतीय हमारी पहचान हैं। हम उनके साथ मजबूत संबंध स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने भारतीय प्रवासियों से जुड़ने के लिए कई नवीनतम पहल की हैं। प्रतिभावान प्रवासी भारतीय हमारे लिए संसाधन हैं और हम उनकी मदद से देश की उन्नति के लिए काम करते रहेंगे।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इकोनॉमिक टाइम्स ने यह खबर दी है कि वर्ष 2021 में अमेरिका में गए 7.88 लाख लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी। इसके साथ ही, 23,533 भारतीयों ने ऑस्ट्रेलिया में नागरिकता समाप्त की। कनाडा और ब्रिटेन में भी कुछ भारतीयों ने इसी प्रकार का कदम उठाया।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश