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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे अमेरिकी दौरा, हो सकते हैं द्विपक्षीय समझौते

वॉशिंगटन: भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले माह जून में संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। भारत की सैन्य ताकत की वृद्धि व भारत-अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने हेतु यह दौरा बहुत जरूरी माना जा रहा है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर भारत तथा अमेरिका के मध्य जेट इंजन, लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों, बख्तरबंद गाड़ियों व टैंकों के संयुक्त निर्माण को लेकर जरूरी समझौता हो सकता है।

आपको बता दें कि इसको लेकर दोनों के बीच बातचीत आरंभ हो चुकी है। इसका मतलब है कि अभी जो हथियार व जेट इंजन हमें बाहर के देशों से खरीदने पड़ते हैं, वो आने वाले भविष्य में हम ही अमेरिका के संग मिलकर निर्माण कर रहे होंगे।

 

आईसीईटी योजना के तहत भारत और अमेरिका बढ़ा रहे आपसी सहयोग

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और उनके समकक्ष अमेरिका के एनएसए जेक सुलीवन ने मिलकर पिछले वर्ष इनीशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (आईसीईटी) योजना का प्रमोचन किया था। इसके तहत दोनो देश जरूरी व उभरती हुई तकनीक के क्षेत्र में एक दूसरे का सहयोग करेंगे। अब लंबी दूरी के हथियारों, जेट इंजन और बख्तरबंद गाड़ियों तथा टैंकों के निर्माण पर चर्चा भी इसी आईसीईटी योजना के तहत हो रही है।

 

सत्रहवीं यूएस इंडिया डिफेंस ग्रुप की हुई बैठक 

पिछले वर्ष 2022 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन जापान की राजधानी टोक्यो में मिले थे। दोनों नेताओं के मध्य हुई इस मुलाकात में रणनीतिक तकनीक, सरकारों के मध्य रक्षा सहयोग व व्यापार और शैक्षिक सहयोग में वृद्धि को लेकर सहमति बनी थी। अब भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन में अपने समकक्ष अमेरिका की रक्षा सचिव कैथलीन हिक्स से मिले और जेट इंजन, लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों व बख्तरबंद गाड़ियों के संयुक्त निर्माण करने हेतु बातचीत हुई। दोनों अधिकारियों के मध्य सत्रहवीं यूएस-इंडिया डिफेंस पॉलिसी ग्रुप मीटिंग के तहत इस बैठक को आयोजित किया गया।

 

हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में शांति कायम करने हेतु बढ़ रहा सहयोग 

अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन के प्रवक्ता एरिक पाहन ने बताया कि दोनों अधिकारियों के मध्य भारत तथा अमेरिका के बीच रिश्तों को मजबूत करने हेतु यह चर्चा हुई, जिसमें रक्षा उत्पादन सहयोग व ऑपरेशनल साझेदारी सम्मलित है। अमेरिका की रक्षा सचिव हिक्स ने बताया कि भारत व अमेरिका के बीच मित्रता हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में शांति तथा समृद्धि बनाए रखने हेतु काफी अहम है। यही कारण है कि दोनों देशों के मध्य सैन्य, तकनीकी सहयोग में वृद्धि हो रही है।

 

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश