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लोजपा का बॉस कौन: चिराग ने कहा शेर का बेटा हूं, संघर्ष से पीछे नही हटूंगा

Jun 16, 2021 Reporters24x7 ,

लोक जनशक्ति पार्टी में हो रहे विवाद को लेकर आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पहली बार इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपना मत रखा। चिराह ने कहा कि पिता राम विलास पासवान के रहते वक्त ही कुछ लोग पार्टी को कमजोर करने में लग गए थे। इसे लेकर रामविलास पासवान ने अपने भाई पशुपति पारस से भी चर्चा की थी। पार्टी कमजोर करने व तोड़ने का काम उस वक्त भी जारी रहा जब रामविलास जी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे। चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव के ऊपर बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी बिहार में हारी नही है, उन्होंने बड़ी जीत हासिल की है। लोजपा पार्टी का विधानसभा चुनाव के दौरान वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। हम मानते हैं कि हमारे सोच के अनुकूल सीटें हम नही जीत पाए पर मुझे इस बात पर गर्व है कि हमने पार्टी के सिद्धान्तों से कोई भी समझौता नही किया।
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने यह भी कहा कि लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पार्टी के अध्यक्ष पद से उनको हटाए जाने का फैसला पार्टी के संविधान के अनुसार गलत है। चिराग ने साफ तौर पर कहा कि वो इस बात लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि संसदीय बोर्ड में किसी भी प्रकार का बदलाव सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष ही कर सकता है, पर मेरे चाचा पशिपति पारस ने ऐसा नही किया।
अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिराग ने कहा कि वह लगातार पार्टी और परिवार को बचाने में लगे रहे। खुद उनकी मां रीना पासवान भी इस कार्य में जुटी रहीं। खुद मां रीना पासवान ने पशुपति पारस और अन्य सहयोगियों को आमंत्रित किया और मिल बैठकर समस्या निपटाने को कहा। पर जब लगा की अब यह संभव नही है तो उन्होंने राष्ट्रय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और अपने चाचा समेत सभी बागी नेताओ को पार्टी से बाहर करने का फैसला लिया।
अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिराग ने कहा कि पार्टी का साथ उन्होंने ने ही छोड़ा है जो संघर्ष करने को तैयार नहीं थे। जिन्होंने ने भी पार्टी का साथ छोड़ा है उन्होंने न सिर्फ पार्टी के साथ बल्कि पूरी जनता के साथ विश्वाशघात किया है।
इसके अलावा चिराग ने बताया कि वह पिछले कुछ वक्त से टायफायड से पीड़ित थे। इसीलिए वह पार्टी पर पैनी नजर नही रख पाए। सभी बागी नेताओं ने इसी बात का फायदा उठाया और पार्टी तोड़ने की कोशिश की और पार्टी से अलग हो गए।
सौरव कुमार