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राहुल गांधी की हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती

नई दिल्ली: राहुल गांधी ने मोदी उपनाम मामले में सजा पर रोक की याचिका देने के लिए अपनी शिकायत लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। कांग्रेस नेता का आरोप है कि वर्ष 2019 में उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसके खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट में अपना बचाव पेश करना चाहते हैं। सात जुलाई को, हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को मान्यता नहीं दी और सत्र अदालत के आदेश को पक्का कर दिया, जिसमें सजा पर रोक की मांग को ख़ारिज किया गया है।

इससे पहले गुजरात में कांग्रेस नेता के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करने व उन्हें सजा दिलाने वाले भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की थी। दरअसल, वर्ष 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी।

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

23 मार्च को निचली अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता चली गई थी। राहुल को अपना सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा था। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को राहुल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सात जुलाई को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया और राहुल की याचिका खारिज कर दी थी।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश