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शुरू हुई प्रधानमंत्री मोदी की यूपी विजय यात्रा, जल्द होगी प्रचार यात्रा

2014 से 2019 तक हुए लोकसभा व विधानसभा चुनाव की बात करें तो जाटों का समर्थन भाजपा को मिला। अब किसान आंदोलन के चलते दूसरे राजनीतिक दल जाट राजनीति को लेकर सक्रिय हो चले हैं तो भाजपा की भी सक्रियता भी बढ़ गई हैं। ऐसे में भाजपा अलीगढ़ से वेस्ट यूपी और जाटों को साधने की तैयारी में है। मुजफ्फरनगर की महापंचायत से संयुक्त किसान मोर्चा ने यह दर्शा भी दिया है। किसान नेता राकेश टिकैत जाट समुदाय से आते हैं। टिकैत फिलहाल किसानों के बड़े नेता के तौर पर उभर कर आए हैं। उनका प्रभाव कम से कम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच तो है ही। ऐसे में अब भाजपा अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी जाटों को अपने साथ पूरी तरीके से जोड़ना चाहती है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम से स्टेट यूनिवर्सिटी की घोषणा किए जाने से एक तीर द्वारा कई निशाने साधे थे। जाट राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम पर स्टेट यूनिवर्सिटी से जाटों को साधना, लंबे समय से चली आ रही यूनिवर्सिटी की मांग को पूरा करना और तीसरा अन्य राजनीतिक पार्टियों द्वारा राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर कुछ न किए जाने और भाजपा द्वारा सम्मान किए जाने का संदेश दिया था।इस दौरान उनका भी फोकस राजा महेन्द्र प्रताप सिंह पर ही रहा। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने राजा महेन्द्र प्रताप को सम्मान नहीं दिया। महापुरुष राजा महेन्द्र प्रताप सिंह का भाजपा ने हमेशा सम्मान किया। यहां तक कि मीडिया को दिए गए पांच मिनट के उद्बोधन में भी उन्होंने राजा महेन्द्र का नाम बार-बार दोहराया।

सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)