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आज होगी हिमाचल प्रदेश सचिवालय की प्रथम बैठक

शिमला: हिमाचल प्रदेश की नई सरकार ने पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन पर एक श्वेत पत्र जारी करने का निर्णय किया है। इसके लिए एक कैबिनेट समिति का गठन किया है, जो कि आज पहली बैठक करेगी। समिति के चेयरमैन उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री होंगे, जो कि हिमाचल की आर्थिक स्थिति में क्या-क्या समस्याएं हैं, उनका पता लगाएंगे।

हिमाचल प्रदेश एक पर्वतीय राज्य है, जिस पर 76 हजार करोड़ से अधिक का ऋण है। सरकार को कर्मचारियों और पेंशनर को 10 हजार करोड़ से ज़्यादा चुकाना है। सुक्खू सरकार ने पिछली सरकार के अनुचित खर्चों को लेकर विधानसभा के बजट सत्र में एक श्वेत पत्र प्रस्तुत करने की घोषणा की है। पर्वतीय क्षेत्र हिमाचल प्रदेश पर 76 हजार करोड़ से भी ज़्यादा का कर्ज चढ़ चुका है। 10 हजार करोड़ से भी अधिक की देनदारी सरकार के पास कर्मचारियों और पेंशनर की है। इस चीज को देखते हुए सुक्खू सरकार ने पिछली सरकार में खर्चों को कुप्रबंधन बताकर श्वेत पत्र लाने की घोषणा कर रखी है।

आज की समिति की बैठक में यह पता लगाया जाएगा कि 2017 में वीरभद्र सिंह की सरकार के समय हिमाचल प्रदेश पर कितना ऋण था और जब जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री पद छोड़ा तो हिमाचल पर कितना ऋण बढ़ा। समिति को पता करना है कि पिछली सरकार ने पांच साल में करोड़ों का कहां व्यय किया। किस-किस मामले में अपव्यय हुआ। किस-किस उद्देश्य से कर्ज लिया गया और कहां-कहां प्रयोग किया। इन सबकी जानकारी श्वेत पत्र में प्रस्तुत की जाएगी।

उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री होंगे चेयरमैन

श्वेत पत्र के लिए एक कैबिनेट समिति का गठन किया गया है, जिसका अध्यक्ष मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हैं। समिति के अन्य सदस्य हैं कृषि मंत्री चंद्र कुमार और पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह। समिति का सदस्य सचिव वित्त सचिव होंगे।

विधानसभा चुनाव से पूर्व भी श्वेत पत्र का किया था वादा

राज्य की आर्थिक स्थिति को प्रकाशित करने का श्वेत पत्र जारी करने का वादा कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भी किया था, जिससे पता चल सके कि पूर्व सरकार के किए गए फैसलों का प्रभाव क्या है।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश