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चीन की सीमा पर जाएंगे हिमाचल के सीएम

शिमला: आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री किन्नौर जिले का दौरा करेंगे। उन्हें तिब्बत (चीन) के साथ सीमा पर स्थित वाइब्रेंट गाँव छितकुल में विभिन्न निर्माण परियोजनाओं की स्थिति का पता चलेगा।

वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने पर्यटन और आधारभूत सरंचना इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए छितकुल गांव को चुना है। इसके तहत हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला में अंतिम गांव छितकुल मैं भी कई तरह की गतिविधियां चल रही हैं।

आखिर क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम

भारत-चीन सीमा के निकट गांवों को समृद्ध बनाने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू किया गया है। केंद्र सरकार ने इस प्रोग्राम पर 4,800 करोड़ रूपए का बजट तैयार किया है। साथ ही, इन गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए 2,500 करोड़ रूपए का प्रावधान भी किया गया है।

भारत-चीन सीमा पर जो गांव वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत आते हैं, वे पहले से ही बॉर्डर प्रोग्राम के तहत प्रतिसादकर्ता (फर्स्ट रिस्डपोंडर) का कार्य करते हैं। लेकिन यह दोनों प्रोग्राम अलग-अलग हैं। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की समीक्षा केंद्र सरकार के अफसर ही करते हैं।

पहले शिमला पहुंचे केंद्रीय मंत्री आरके सिंह

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा स्वागत किया जाएगा। फिर वे दोनों किन्नौर की ओर रवाना होंगे और आज की रात वहां बिताएंगे। उनका इरादा है कि वे स्थानीय लोगों के मुद्दों को भी समझें।

वाटर सेस के मामले पर हो सकती है चर्चा

किन्नौर की यात्रा के दौरान वाटर सेस पर भी बात होगी, क्योंकि केंद्र ने हिमाचल प्रदेश का वाटर सेस असंवैधानिक माना है। हालांकि, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर जैसे पहले भाजपा के राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी वाटर सेस ले रहे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू केंद्र से इस मुद्दे पर समझौता करने की कोशिश करेंगे। साथ ही, राज्य में पावर परियोजनाओं में हिमाचल का हक बढ़ाने और 12% की रॉयल्टी को 30% करने की मांग भी उठाएंगे।

शानन परियोजना और बीबीएमबी परियोजना के मामले को भी उठाएंगे

2024 में शानन पावर परियोजना की लीज खत्म होने वाली है। हिमाचल सरकार इस परियोजना को अपने नियंत्रण में लाना चाहती है। पंजाब और हरियाणा बीबीएमबी परियोजनाओं में हिमाचल का हिस्सा देने में कसर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू इन समस्याओं पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के साथ विचार-विमर्श कर सकते हैं।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश