पिछले कुछ सालों से हमारा देश अलग अलग वजहों को लेकर विदेशी मीडिया में भी चर्चा का विषय रहा है । जब 70 साल की सत्ता में परिवर्तन हुआ तब शुरू हुआ भारत के लिए वो दौर जहां धीरे धीरे हमारे देश में बदलाव होने लगे । वो बदलाव हम भी देख रहे थे और पूरी दुनिया भी । विकास के बड़े बड़े वादे , देश के लिए नेक इरादों के दावे और विदेशों की सैर कर रहे हमारे प्रधानमंत्री । हर जगह मोदी मोदी का डंका बजने लगा । क्योंकि अब तक भारत ने ऐसा बदलाव नहीं देखा था । तब हम गर्व से ये कहने लगे की देखो हिंदुत्व कितना आगे बढ़ गया है हमारा हिन्दुस्तान कैसे ऊंचाइयों को छू रहा है । विकास की इस खोज में कुछ साल बीते और अब भी हम विदेशी मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे थे । लेकिन अब सुर्खियां थी नोटबंदी को लेकर , जीएसटी को लेकर, धारा 370 के चलते विद्रोह को लेकर , नागरिकता कानून से देश की राजधानी में भड़के दंगों को लेकर । उम्मीद पर अब भी बाकी थी क्योंकि जनता बस सोच रही थी की जो अब किया जा रहा है वो पहले तो कोई नहीं कर पाया ना । बदलाव के इस बहाव में अब हर कोई बहने को तैयार था । फिर से एक बार विदेशी मीडिया ने भारत पर नजर डाली और तब सुर्खियां ले गए प्रवासी मजदूर उनके हालात और lockdown में जॉब से हाथ धो चुके युवा । आम जनता की आंखे कुछ ऐसा बदलाव देख रही थी जो उन्हें खल रहा था पर फिर भी उन्होंने कहा की जब 70 साल बदलाव के लिए वक्त दिया था तो अब कुछ और साल देकर देखते हैं । हमारा देश फिर से अखबारों की हेडलाइन बना और महंगाई , चुनावी लड़ाई तक तो ठीक था । मगर अब पहले पन्ने पर साफ साफ लिखा था की हमारा देश corona की दूसरी लहर की चपेट में है , और उसका जिम्मेदार उसी बदलाव को बताया गया जिसे आपने कुछ और साल का मौका देने की सोची थी । इस बार भी विदेशी मीडिया हमारी ओर देख रहा था और पूरी दुनिया को बता रहा था की हमारी सरकार के लिए प्राथमिकता है चुनावी रैलियां ना की आम जनता की जिदंगी। हर सांस के लिए तड़प रहे मरीजों की कहानियां, बदलाव की हर तस्वीर पूरी दुनिया देख रही थी । आज विदेशी मीडिया हमे भरपूर कवरेज दे रहा है लेकिन अफसोस हमे ऐसा बदलाव ना चाहिए था , ना विश्व में ऐसे अपना डंका बजाना था । खैर बदलाव के दावे वादे करने वाले भी अब अपनी असलियत को अखबारों में बिकता देख सह नहीं पा रहे हैं । वही विदेशी मीडिया जिसका हवाला देकर भारत में बदलाव का जश्न मना रहे थे , उसी विदेशी मीडिया को अब पीएमओ नोटिस भिजवा रहे हैं ।
– मेघना सचदेवा, स्टेट हेड दिल्ली।