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लिवर फेटी होने पर इन बातों का देना होगा ध्यान

Jul 8, 2023 ABUZAR

बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण लोगों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ गया है, उनमें से एक है फैटी लिवर (fatty liver)। जब लिवर में ज्यादा वसा जमा होना शुरु हो जाती है। तो व्यक्ति इस रोग से ग्रसित हो गया है।

लिवर पाचन तंत्र का अहम हिस्सा माना जा रहा है। फैटी लिवर (fatty liver) की बीमारी दो तरह की होती है। एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (alcoholic fatty liver) व नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (non alcoholic fatty liver)। फैटी लिवर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसमें डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता होती है। इसको दूर करने के लिए आयुर्वेद में भी कुछ विशेष बातों पर ध्यान देने के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहा है।

फैटी लिवर (fatty liver) की समस्या किस वजह से है, पहले इसके बारे में जानना जरूरी हो चुका है, क्योंकि यदि एल्कोहॉलिक फैटी लिवर है तो उसके लिए सबसे पहले आवश्यक हो गया है कि अल्कोहल का सेवन बंद करें। इस बीमारी को नजरअंदाज न करें, तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेने की जरुरत है।

सेंधा नमक खाएं: तीखा-चटपटा बंद करें। नमक, चीनी, तीखा और मसालेदार खाना न खाएं। समुद्री नमक के बजाय सेंधा नमक का सेवन करें। इसके गुण समुद्री नमक से बिल्कुल अलग होना शुरु हो जाता है।

रात को खाना न खाएं: फैटी लिवर से ग्रसित हैं तो रात को खाना नहीं खाने की जरुरत होती है। दो वक्त ही भोजन करें – सुबह व शाम। प्रयास करें कि सूर्यास्त से पूर्व भोजन कर लें। रात को मेटाबॉलिज्म धीमा होता है। यह फैटी लिवर होने का बड़ा कारण माना जा रहा है।

भोजन के साथ पानी न पीएं: कई लोगों की आदत होने जा रही है कि भोजन करते समय पानी पीते रहते हैं। यह आदत मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है और पाचन धीमा पड़ना शुरु हो जाता है। दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीएं लेकिन भोजन के बीच में पानी बिल्कुल न पीएं। भोजन खत्म होने के कुछ देर बाद यानी 30 मिनट बाद पानी पीने के बाद फायदा मिल सकता है।