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ब्रान्ज पाकर काफी खुश लग रहे हैं परमिंदर सिंह

Sep 25, 2023 ABUZAR

भारतीय नाविक परमिंदर सिंह पुरुष डबल स्कल्स फाइनल में छठे स्थान पर रहकर निराशा हाथा लगी है। परमिंदर और उनके साथी सतनाम सिंह को दूसरे स्थान पर पहुंच गया था। हालांकि, बाद में वे छठे और आखिरी स्थान पर आ गए। उन्हें लगा कि एशियाई खेलों में पदक जीतने और अपने पिता इंद्रपाल सिंह का अनुकरण करने के अपने सपने पूरा करने के लिए कुछ समय इंतजार करना होग। जिन्होंने 2002 में बुसान एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत लिया था।

लेकिन भारतीय नौसेना में 23 वर्षीय ऑफिसर ने हिम्मत नहीं हारी और सोमवार को पुरुषों की क्वाड्रपल स्कल्स में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए इतिहास रच दिया।

परमिंदर ने अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलते हुए एशियाई खेलों में पदक जीतकर कामयाबी हासिल की है।, इसके 21 साल बाद इंद्रपाल सिंह ने बुसान 2002 में पुरुष कॉक्सलेस फोर में कांस्य पदक जीता लिया था। प

इंद्रपाल सिंह भारत के पहले ओलंपिक नाविकों में माने जाते हैं। जिन्होंने 2000 सिडनी ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेकर पचरम लहराया था। वह अब उस टीम के कोच हैं, जिसने हांगझोऊ एशियाई खेलों में रोइंग प्रतियोगिता में दो रजत और तीन कांस्य पदक के साथ शानदार प्रदर्शन किया है। भारत इस खेल में कुल मिलाकर पदक तालिका में तीसरे स्थान पर है।