बाबा अमरनाथ की यात्रा एक जुलाई से शुरू होने वाली है। खास बात ये है कि इस बार यह पावन यात्रा एक नहीं बल्कि पूरे दो महीने के लिए होने वाली है। जोकि पहली जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगी। ऐसे में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लाखों की तादात में श्रद्धालुओं के उमड़ने की आशंका जताई गई है। वहीं इस साल एक और बड़ा बदलाव हो रहा है। इस बार यात्रा मार्ग के करीब आधा दर्जन जगहों और अमरनाथ गुफा के पास सीआरपीएफ (CRPF) की तैनाती नहीं की जाएगी। इन स्थानों पर इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और बीएसएफ (BSF) जवानों की तैनाती होने वाली है।
CRPF को दी गई यह जिम्मेदारी
करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा अमरनाथ की गुफा की सुरक्षा की जिम्मेदारी पारंपरिक रूप से सीआरपीएफ को मिल जाती है। लेकिन इस बार यह जिम्मेदारी इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस को सौंपी गई है। जबकि सीआरपीएफ को निचले इलाकों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा जा चुका है। बता दें कि उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और डीजीपी दिलबाग सिंह ने पिछले दिनों ही अलग-अलग बैठकें करते हुए अमरनाथ यात्रा की तैयारियों और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर दिया था।
इस कारण लिया गया फैसला
बता दें कि पिछले काफी समय से मणिपुर में हिंसा भड़की गई है। सूत्र का कहना है कि इस वजह से वहां शांति व्यवस्था कायम रखने और पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में भारी संख्या में सीआरपीएफ जवानों की तैनाती की वजह से इस बार बाबा अमरनाथ की गुफा के बाहर आईटीबीपी और बीएसएफ के जवानों की तैनाती ही रही है। सूत्र ने ये भी बताया कि इस बार उत्पन्न सुरक्षा खतरों तथा चुनौतियों तथा जम्मू कश्मीर पुलिस की आवश्यकता के मद्देनजर आईटीबीपी जवानों को गुफा के पास तैनात करने का फैसला लिया गया है।