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बिहार में ब्लैक फंगस को किया गया महामारी घोषित, स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए कई निर्देश

पटना: राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस नाम की बीमारी को महामारी घोषित कर दिया हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ब्लैक फंगस को अधिसूचित किया गया है. 1897 के कानून के तहत इसे जहां महामारी घोषित कर दी गई तो वही बीते शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इसकी अधिसूचना जारी करते हुए इसे अधिसूचित बीमारी घोषित कर दी. जिसके अनुसार राज्य में किसी भी सरकारी या निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के संदिग्ध या प्रमाणित मामले सामने आते हैं तो उसकी सूचना सिविल सर्जन के माध्यम से एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईएसडीपी), स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी. गौरतलब है कि कई कोरोना मरीजों में ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं.

प्रावधानों का उल्लंघन होगा दंडनीय अपराध
मामले बढ़ने के साथ राज्य सरकार भी सख्त कदम उठाने जदा रहीं हैं. अगर कोई भी संस्थान उक्त प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो ऐपिडमिक डिजीज एक्ट की धारा-3 के तहत उसे दंडनीय अपराध माना जाएगा. साथ ही धारा-4 के प्रावधानों के अनुरूप कोई वाद या विधिक कार्रवाई संस्थित नहीं की जा सकेगी. बता दें कि, अधिसूचना जारी होने की तारीख से पूरे एक वर्ष तक ये प्रभावी रहेगा.

राज्य में ब्लैक फंगस के अबतक 167 मरीज मिलें
बिहार में कोरोना संक्रमण के बाद बढ़ रहे ब्लैक फंगस के अबतक 167 मरीजों की पहचान की जा चुकी है. इनमें से 70 मरीज राज्य के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती हैं. जबकि बाकि के मरीजों को दवा देकर डॉक्टर की निगरानी में घर भेजा गया है. शनिवार को मिली जानकारी के अनुसार आईजीआईएमएस में दो नए मरीज आये, जबकि एम्स पटना में ब्लैक फंगस के 40 मरीज ओपीडी में आए थे, इनमें से 8 मरीजों को भर्ती किया गया. और बाकि को जांच कराने की सलाह दी गई है. गौरतलब हैं कि, यहां तीस बेड का ब्लैक फंगस वार्ड पूरी तरह से फुल हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि एक नई बीमारी ब्लैक फंगस को राज्य सरकार ने भी महामारी घोषित की है. आईजीआईएमएस एवं एम्स पटना के साथ-साथ कई सरकारी एवं निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस की दवा उपलब्ध कराई गई है.

शिवानी सक्सेना, बिहार।