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जरनल टिकट है तो स्टेशन पर निर्धारित समय तक बैठने की अनुमति

अगर आप रेलवे स्टेशन पर आराम से बैठे हों और अचानक आपसे कोई पुलिस वाला आकर कहे कि आप यहां नहीं बैठ सकते, तो सबसे पहले आप उसे अपनी टिकट दिखाएंगे। लेकिन तब क्या होगा जब आपके टिकट दिखाने के बावजूद पुलिसकर्मी आपको वहां से जाने के लिए कहने लगे और ऐसा नहीं करने पर आप पर जुर्माना लगाने की बात करे। आपको यही लगेगा कि आपके साथ अन्याय हो रहा है। हालांकि, ऐसा नहीं है। रेलकर्मी तब भी अपना काम ही कर रहा है।

रेलकर्मी अगर आपकी टिकट देखने के बावजूद आपको वहां से जाने के लिए कहता है तो इसके 2 कारण हो सकते हैं। पहला यह कि आपके पास प्लेटफॉर्म टिकट थी जिसकी वैधता समाप्त हो गई है। दूसरा कारण उस सूरत में लागू होता है जब आपके पास किसी पैसेंजर ट्रेन की जनरल टिकट या फिर किसी लोकल ट्रेन की टिकट है। ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि इन टिकटों को लेकर भी स्टेशन पर बैठने का समय निर्धारित है।

कितने समय तक कर सकते हैं इंतजार
यह निर्भर करता है कि आप किस तरह के स्टेशन पर बैठे हैं। मान लीजिए कि आपके पास जनरल या लोकल ट्रेन का टिकट है लेकिन, वहां से गुजरने वाली ट्रेनों की आवृत्ति कम है। ऐसे में आप उस टिकट पर स्टेशन में 3 घंटे तक बैठ सकते हैं। 3 घंटे से ज्यादा बैठने पर आपको वहां से जाने के लिए कहा जाएगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप पर रेलवे अधिनियम के तहत वाजिब जुर्माना लगा दिया जाएगा।

वहीं, अगर आप किसी ऐसे स्टेशन पर हैं जो मुख्य पटरी पर है और वहां ट्रेनों की आवृत्ति काफी अच्छी है, तो आप 1 घंटे तक ही स्टेशन पर बैठ सकते हैं। इससे ज्यादा देर होने पर आपको वहां से बाहर जाने के लिए कहा जाएगा। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, मुगलसराय या हावड़ा इस तरह के स्टेशन हैं। ऐसा नियम इसलिए बनाया गया है ताकि स्टेशन पर बेवजह की भीड़ बहुत ज्यादा न हो और अन्य यात्रियों को इसकी वजह से परेशानी का सामना न करना पड़े। बड़े स्टेशनों पर जहां ट्रेन जल्दी-जल्दी आती हैं वहां भीड़ भी तेजी से बढ़ती है इसलिए वहां का अधिकतम समय 1 घंटा ही रखा गया है।

प्लेटफॉर्म टिकट
इसके बारे में अधिकांश लोगों को जानकारी होगी। जिन्हें नहीं पता उन्हें बता दें कि प्लेटफॉर्म टिकट पर आप केवल 2 घंटे तक ही स्टेशन के अंदर रह सकते हैं। अगर वैधता समाप्त हो गई है और उसके बाद आपको टीसी ने स्टेशन से बाहर जाते पकड़ा तो आपको जुर्माना भरना पड़ेगा।

आशीष ठाकुर – हिमाचल प्रदेश