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यूएस कांग्रेस में हिंदू-अमेरिकी सम्मेलन

वॉशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका की राजकीय यात्रा पर 21 जून को प्रस्थान करने वाले भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले, 14 जून को अमेरिकी कांग्रेस कैपिटल हिल में हिंदू-अमेरिकन समुदाय का प्रथम सम्मेलन हुआ। ‘अमेरिकन्स फॉर हिंदूज’ के नाम से जाना जाने वाला यह सम्मेलन, 20 हिंदू संगठनों की मदद से आयोजित किया गया। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सम्मेलन को वैदिक मंत्रों का पाठ और प्रार्थना से आरंभ किया गया।

इस सम्मेलन का उद्देश्य अमेरिका में बसे हिंदू समुदाय की समस्याओं और मुद्दों को अमेरिकी संसद के सामने लाना है। सम्मेलन के प्रमुख रोमेश जापरा ने कहा कि हमारे समुदाय की हर क्षेत्र में उत्कृष्टता है, लेकिन हम राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं हैं। हमें महसूस होता है कि हमारे साथ अन्याय होता है। हम इस सम्मेलन के माध्यम से सभी हिंदू संगठनों को एक मंच पर लाना चाहते हैं।

अमेरिका के विभिन्न शहरों से 130 से अधिक भारतीय-अमेरिकी नेताओं ने कैपिटल हिल पर हुए अमेरिकन-हिंदू सम्मेलन में भाग लिया। इस अवसर पर अमेरिकी कांग्रेस के सांसद रिचर्ड मैकोर्मिक ने अमेरिकी हिंदुओं को प्रोत्साहन देते हुए कहा कि वे अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का चुनाव करने में सक्षम हैं। उनकी यह बात सभी को पसंद आई और हॉल में सराहना की धूम मच गई। मैकोर्मिक ने कहा कि मुझे यकीन है कि आपके पास इसकी कुछ संभावना है। जब आप उचित नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करेंगे तो आपको अपनी शक्ति का पता चलेगा। आप अमेरिका के हित में कानून बनाएंगे। जो हमारे देश को कई सालों तक विकास की ओर ले जाएंगे।

अमेरिकी-हिंदू सम्मेलन को आयोजित करने वाली 20 संगठनों में से कुछ आरएसएस से जुड़े हैं, यह द क्विंट की एक रिपोर्ट का दावा है। हिंदूज फॉर ह्युमैन राइट्स के सदस्य राजु राजागोपाल ने द क्विंट से कहा कि एकल विद्यालय और सेवा इंटरनेशनल जैसी दो संगठनें आरएसएस और वीएचपी से मिली हुई हैं।

इस सम्मेलन की प्रतिनिधिता पर संदेह जताते हुए उन्होंने कहा कि यदि यह अमेरिकी-हिंदू सम्मेलन है तो इसमें दलित और तमिल संगठनों का क्यों कोई स्थान नहीं है।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश