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अमेरिकी नौसेना अरब क्षेत्र में करेगी सैन्य वृद्धि, ईरानी नौसेना बनी वज़ह

वॉशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना अरब क्षेत्र में अपनी सेना की उपस्थिति को बढ़ाने पर विचार-विमर्श कर रही है। आपको बता दें कि अरब क्षेत्र की समुद्र सीमा में ईरानी इस्लामिक गणराज्य द्वारा हाल के वक़्त में कई व्यापारिक समुद्री जहाजों का उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है, जिस पर अमेरिका ने अपनी आपत्ति जाहिर की है। अमेरिका ने बयान जारी किया जिसमें उसने कहा कि वह क्षेत्रीय सहयोगियों के संग मिलकर अरबी इलाके में अपनी सेना की उपस्थिति को बढ़ाएगा।

अमेरिकी सेना के मुख्यालय पेंटागन की इमारत

ईरान खाड़ी क्षेत्र में कर रहा मनमानी

आपको बता दें कि पिछले दो वर्षों में खाड़ी से निकलने वाले 15 अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जहाजों का या तो उत्पीड़न किया गया या फिर उन पर आक्रमण किया गया। अमेरिका के व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बयान जारी कर कहा कि रक्षा विभाग खाड़ी क्षेत्र में अपनी रक्षा करने की क्षमता को ताकतवर करने की योजना बना रहा है। इसके लिए अरबी क्षेत्र की ताकतों के संग मिलकर होर्मुज जलडमरूमध्य यानि स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में सहयोग व समन्वय में वृद्धि की जाएगी। इल्ज़ाम यह है कि पिछले माह ईरानी नौसेना ने पनामा के एक व्यापारिक जहाज को हिरासत में ले लिया था, जिसे लेकर तनाव बढ़ गया था। उससे पूर्व भी ईरानी नौसेना ने मार्शल द्वीपसमूह गणराज्य के एक तेल के टैंकर जहाज को अपनी हिरासत में ले लिया था।

ईरानी नौसेना के कमांडर शाहराम ईरानी

अमेरिकी नौसेना बढ़ाएगी पेट्रोलिंग

बहरीन राजशाही में मौजूद अमेरिकी नौसेना का पांचवा बेडा, होर्मुज जलडमरूमध्य यानि स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में अपनी गश्त में वृद्धि की दिशा में कार्य कर रहा है। अमेरिकी नौसेना के पांचवें बेड़े के कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने अपने बयान में कहा कि ईरान गैर जिम्मेदार ढंग से व्यापारिक जहाजों का उत्पीड़न और उन्हें अपनी हिरासत में ले रहा है अतः इसे रोका जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय सीमा में नौपरिवहन (नेवीगेशन) व समुद्री जहाजों के आने-जाने पर किसी भी दबाव से मुक्ती होनी चाहिए।

अमेरिकी नौसेना के 5वें बेड़े के कमांडर वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर

क्यों ज़रूरी है होर्मुज जलडमरूमध्य (स्ट्रेट ऑफ होर्मुज)

आपको बता दें कि होर्मुज जलडमरूमध्य (स्ट्रेट ऑफ होर्मुज) ईरानी इस्लामिक गणराज्य व ओमान की सल्तनत के मध्य समुद्री सीमा का एक ज़रूरी चोक पॉइंट है तथा अरब देशों से दुनिया के देशों को कच्चे तेल की आपूर्ति इसी होर्मुज जलडमरूमध्य (स्ट्रेट ऑफ होर्मुज) के जरिए होती है। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय नेवीगेशन को किसी भी प्रकार के दबाव से मुक्त रखने हेतु होर्मुज जलडमरूमध्य (स्ट्रेट ऑफ होर्मुज) में किसी भी देश की दादागिरी एक गहरा मुद्दा है। होर्मुज जलडमरूमध्य (स्ट्रेट ऑफ होर्मुज) की लंबाई लगभग 160 किलोमीटर से भी अधिक तथा एक जगह तो इसकी चौड़ाई सिर्फ़ 39 किलोमीटर है। ऐसे में अगर ईरान इस इलाके पर अधिकार कर लेता है तो दुनिया का समुद्री व्यवहार बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है।

होर्मुज जलडमरूमध्य का मानचित्र

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश