मॉस्को: आइसलैंड गणराज्य और रूसी महासंघ के मध्य का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। रिक्जेविक ने हाल ही में रूस की राजधानी मॉस्को में अपना दूतावास बंद करने का निर्णय किया। साथ ही उसने रूस से रिक्जेविक में अपने दफ्तर को बंद करने का आदेश दिया। इस पर रूस गुस्सा होकर आइसलैंड पर रिश्तों को नुकसान पहुंचाने का दोष दिया।
रूस ने शनिवार को चेताया कि आइसलैंड मॉस्को में अपना दूतावास बंद करने वाला प्रथम देश होगा, तो हमें कार्रवाई करनी पड़ेगी। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम रूस के विरोध किए गए किसी भी कार्य का जबाब देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि आइसलैंड दोनों देशों के रिश्तों को बिगाड़ने की साजिश में है।
मंत्रालय ने बताया कि इससे हमें भविष्य के लिए सबक मिलता है। हम आगे चलकर आइसलैंड के संग रिश्ते बनाते हुए उसके इस निर्णय को नजरंदाज नहीं करेंगे।
आइसलैंड ने शुक्रवार को ऐलान किया था कि वह एक अगस्त से मास्को में अपना दूतावास को बंद कर देगा। साथ ही उसने रूस से रेक्जाविक में अपनी कार्यशाला को कम करने का आग्रह किया है। विदेश मंत्री थोरिस गिलफडॉटिर ने कहा था कि आइसलैंड के पास रूस में एक दूतावास चलाने हेतु पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।
जब दूतावास के बंद होने की खबर आई, तो कर्मचारियों ने शुक्रवार को मॉस्को में दूतावास के सामने लहराते आइसलैंड के ध्वज को उतार लिया था।
आइसलैंड के विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि फैसले में राजनयिक रिश्तों को तोड़ने का इरादा नहीं है। परंतु, रूस के संग व्यापारिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक सम्पर्क बहुत ही कम हैं। इसलिए मॉस्को में दूतावास चलाना व्यर्थ था। यह जानकारी है कि वर्ष 1944 से मॉस्को में आइसलैंड का एक दूतावास मौजूद था।
अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश