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चीन का आतंक रूकने का नाम नही ले रहा, अब भुटान पर बना रहा हैं सैन्य अड्डे

चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों से कभी पीछे नहीं हटता। पहले तो वुहान से कोरोना को दुनियां मे फैलाया और अब भारत में कोरोना की दूसरी लहर पर हम पर ही सीना जोरी कर रहा हैं। लेकिन इस बार चीन का इरादा कुछ और हैं। अब चीन भुटान के रास्ते से भारत पर दबाव बढ़ाना चाहता हैं। भूटान घाटी में चीन 2015 से ही इस हरकत को अंजाम दे रहा है। चीन ने 2015 में ऐलान किया था कि वह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के दक्षिण में ग्यालफुग गांव बसा रहा है लेकिन यह गांव भूटान में पड़ता है। उनकी यह कोशिश हिमालयी क्षेत्र में भारत सहित अन्य देशों के हितों को कमतर करने के वर्षों से जारी अभियान का हिस्सा है।

बारनेट के अनुसार ग्यालाफुग पर दावा जताकर चीन भूटान सरकार पर क्षेत्र को उसके हवाले करने का दबाव बना रहा है। इसका मकसद भारत से जारी संघर्ष में सैन्य लाभ हासिल करना है। यानी चीन को असल में यह इलाका चाहिए नहीं लेकिन सिर्फ भारत पर दबाव बनाने के लिए वह इसपर कब्जा कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘ग्यालाफुग’ में निर्माण चीन और भूटान के बीच हुई स्थापना संधि का सीधा उल्लंघन है। बीजिंग भूटान के कई अन्य सीमाई इलाकों में भी सैन्य दखल बढ़ा रहा है, जिसका हिमालयी देश ने कड़ा विरोध किया है।

सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)