शिमला: भारतीय सेना को अब तिब्बत (चीन) की सीमा पर स्थित हिमाचल प्रदेश के दो पहाड़ी जिलों तक पहुंचने में कम कठिनाई होगी। इसके लिए लाहौल-स्पीति और किन्नौर की सीमा पर बनी तांडी-किलाड़-सांसारीनाला सड़क का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस समरिक महत्व की सड़क को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) में शामिल कर दिया है।
इस सिंगल लेन सड़क को शीघ्र ही टू-लेन में परिवर्तित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) को मंजूरी भी दे दी है। इससे सेना को सुविधा होगी कि वह केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के माध्यम से लाहौल-स्पीति पहुंचकर किन्नौर में पहुंच सकेगी। पहले सेना को लेह मार्ग से होते हुए पहुंचना पड़ता है।
टू-लेन बनने से आवाजाही हुई आसान
यह सड़क चंबा जिले के पांगी-किलाड़, किश्तवाड़ और लाहौल घाटी जैसे दुर्गम क्षेत्रों को जोड़ेगी और लोगों की यात्रा को सुगम बनाएगी। इस इलाके में प्राकृतिक सौंदर्य का भंडार है, जिससे पर्यटन का क्षेत्र भी विकसित होगा। यह सड़क सर्दियों में भी खुली रहती है, परन्तु सिंगल लेन होने के कारण भूस्खलन से कई बार बंद हो जाती है। अब इसे राष्ट्रीय राजमार्ग का स्थान मिला है, और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के दीपक प्रोजेक्ट में सम्मिलित होकर इसे डबल-लेन में परिवर्तित किया जाएगा।
डबल लेन के रूप में विकसित किया जाने वाला क्षेत्र तांदी से थिरोट के बीच 30 किलोमीटर, उदयपुर से तिंदी के बीच 40 से 70 किलोमीटर और शोर से किलाड़ के बीच 96 से 125 किलोमीटर है।अब सीमा सड़क संगठन ने भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी की प्रक्रिया पर कार्य आरंभ कर रहा है।
अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश