नई दिल्ली:देश के कई हिस्सों में रविवार को हुई हल्की बारिश से गर्मी में कुछ राहत मिल चुकी है। पर कर्नाटक का पारा अभी भी चढ़ा हुआ है। यह मौसमी गर्मी की वजह से नहीं, बल्कि सियासी गर्मी की वजह से हो गया है। और यह सियासी गर्मी किसी बारिश से कम नहीं होने वाली है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) में कुछ ही समय बाकी रह गया है। 10 मई को राज्य में वोट डाले जाएंगे और 13 मई को डाले गए वोटों की गिनती होने वाली है। और यह तय होगा कि किस पार्टी की सरकार बनने जा रही है। जैसे-जैसे चुनावी तारीख नज़दीक आएगी, वैसे-वैसे कर्नाटक में सियासत बढ़ना शुरु हो जाती है।
राज्य में वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी अपने कई विधायकों के टिकट काटने के बाद उनको नाराज भी किया गया है। इनमें से दो बड़े नेता जगदीश शेट्टार (Jagdish Shettar), जो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और लक्ष्मण सावदी (Laxman Savdi), जो राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री हैं, दोनों कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम चुके हैं।
बीजेपी की आंतरिक कलह दिखना जा रहा है, वहीं कांग्रेस के साथ मामला काफी अलग समझा जा रहा है। प
कांग्रेस राज्य में दोबारा सत्ता में आने की तैयारी कर रही है। वहीं कांग्रेस चुनाव जीतने का लगातार प्रयास कर रही है।पर कांग्रेस के भीतर भी घमासान होना शुरु हो गया है। यह घमासान है मुख्यमंत्री पद को लेकर । पार्टी के राज्य अध्यक्ष डीके शिवकुमार जहाँ खुद को कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मान रहे हैं, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया भी इस रेस में शामिल हो चुके हैं।