“शेर ठीक हो रहे हैं और ठीक से खा रहे हैं।” CCMB के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा कि हमने चिड़ियाघर के साथ एसओपी को साझा किया है जिसका पालन करते हुए उन्हें जानवर की देखभाल एवं पोषण करने का सुझाव दिया गया हैं ।
यह भारत में पहली बार है कि मानव के माध्यम से जानवरों में वायरस के संचरण का पता चला है। CCMB ने संबंधित अधिकारियों से जानवरों के मल के नमूने एकत्र करने के लिए कहा है । डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा कि “अब हम उनके मल के नमूनों का परीक्षण करने के लिए एक विधि विकसित कर रहे हैं। यह विधि भविष्य में उपयोगी होगी क्योंकि हर बार जंगली जानवरों से लार के नमूने एकत्र करना संभव नहीं होता है।मिश्रा ने कहा कि ये जानवर चिड़ियाघर के कर्मचारियों से संक्रमित हुए हो सकते हैं। चिड़ियाघर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे जानवरों के नमूनों को समय-समय पर सीसीएमबी में विश्लेषण के लिए भेजते रहते हैं।
पर्यावरण मंत्रालय ने 1 मई को राज्य के सभी चिड़ियाघर पार्कों और पशु अभयारण्यों को बंद करने के आदेश जारी किए। CCMB के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, नमूनों के विश्लेषण से पता चला कि संक्रमण किसी भी प्रकार की चिंता का कारण नहीं था। अधिकारियों ने कहा कि सभी आथो शेरों को उचित देखभाल के तहत अलग किया गया है और आवश्यक उपचार प्रदान किया गया है। बयान में कहा गया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने एसएआरएस सीओवी -2 के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर चिड़ियाघरों को सावधानी बरतने के लिए दिशानिर्देश और सलाह जारी किए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि दुनिया में अन्य जगहों पर चिड़ियाघर जानवरों के साथ सकारात्मक अनुभव के आधार पर पिछले साल इस बात का कोई वास्तविक सबूत नहीं है कि जानवर किसी भी तरह से मनुष्यों को बीमारी पहुंचा सकते हैं।
शिवनी गुप्ता