हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाएगा। 28 मार्च को पूर्णिमा होने से आज होलाष्टक समाप्त हो रहा है। दिन में होलिका का पूजन महिलाओं द्वारा किया जाता है और शाम को प्रदोष काल के समय 6 बजकर 36 मिनट से रात 9 बजकर 30 मिनट तक होलिका दहन का उत्तम समय है। भारतीय तीज त्यौहारों में होली का विशेष महत्व है साथ ही आपसी भाईचारे के लिए भी होली को एक प्रमुख त्योहार माना जाता है जिसमे आपस मे पुराने वैर भूल कर लोग गले मिलते है। साधना की दृष्टि से भी होली का दिन विशेष महत्व रखता है। सिद्ध एवं योगी जन इस दिन सिद्धि प्राप्ति हेतु विशेष साधना करते है क्योंकि कुछ खास अवसर पर की गई साधनाएं विशेष फल प्रदान करती है। इस बार कोरोनो के चलते होली मनाते समय सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन जरूर करें।