चंद्रयान को लेकर जानें ये बात
अगस्त और सितंबर महीने में देश के लिए अंतरिक्ष के क्षेत्र दो खुशखबरी आ चुकी है। स्पेस क्षेत्र में भारत रोज नई उपलब्धियां हासिल करना शुरू हो गया है। आज सुबह 11:50 बजे इसरो ने पहला सौर मिशन ‘Aditya L-1’ लॉन्च किया। इसके कुछ ही देर बाद, इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर बड़ी खुशखबरी दी। इसरो ने बताया कि प्रज्ञान रोवर ने 100 मीटर की दूरी तय तय किया गया है। अब वह लैंडिंग साइट ‘Shiv Shakti Point’ पर मौजूद विक्रम लैंडर से 100 मीटर से ज्यादा की दूरी पर है और पूरी कंट्रोल के साथ आगे भी बढ़ना शुरू हो गया है।
यह मिशन क्यों महत्वपूर्ण था
अब तक भारत किसी दूसरे ग्रह या उसके उपग्रह पर कोई रोवर लैंड नहीं करवाया जाए है। चंद्रयान 3 हमारे इसी सपने को पूरा कर दिया है। ये मिशन ISRO के आने वाले कई दूसरे बड़े मिशन के लिए रास्तों को खोलेगा। इससे विश्व पटल पर भारत का साख अंतरिक्ष के मामले में और बढ़ेगा। भारत के भविष्य के लिए यह मिशन काफी महत्वपूर्ण है। बता दें कि अब तक अमरीका, रूस और चीन को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैन्डिंग में सफलता मिल जाती है।
सॉफ्ट लैन्डिंग का अर्थ होता है कि किसी भी सैटलाइट को किसी लैंडर से सुरक्षित सही स्थान पर उतारें और वो अपना काम सही रूप से करने लगे। चंद्रयान-2 को भी इसी तरह चन्द्रमा की सतह पर उतारना था, लेकिन आख़िरी क्षणों में यह संभव नहीं हो पाया। दुनिया भर के 50 प्रतिशत से भी कम मिशन हैं, जो सॉफ्ट लैंडिंग होने में कामयाब हो रहे हैं।