लखनऊ: प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों तथा कस्बों में फिर से बिजली की कटौती हो रही है जिसकी वजह से लोगों का काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। मांग घटने के बावजूद इन क्षेत्रों को शेड्यूल के अनुसार देखा जाए तो बिजली नहीं दे पाने की लाचारी के पीछे राज्य में स्थित चार उत्पादन गृहों में देखा जाए तो तकनीकी खराबी से परेशानी हो रही है।
इन उत्पादन गृहों की यूनिटों में आई तकनीकी खराबी की वजह से प्रदेश को 1355 मेगावाट बिजली मिलना मुश्किल गया है। जिसका खामियाजा राज्य की ग्रामीण जनता को भुगतना पड़ रहा है। इन इकाइयों के फिर से चालू होने में एक-दो दिन का समय और लगने की पूरी संभावना है।
एक्सचेंज पर पीक आवर में 12 रुपये यूनिट पर बेची जा रही बिजली
मिली जानकारी के मुताबिक, पीक आवर में जब बिजली की मांग सबसे अधिक हो चुकी है, उस समय पावर एक्सचेंज पर बिजली अधिकतम मूल्य 12 रुपये प्रति यूनिट में मिल रही है। पावर कारपोरएशन प्रबंधन अपनी वित्तीय स्थिति देखते हुए इस महंगे दर पर बिजली नहीं खरीद हो रही है। जिसकी वजह से कमी की भरपाई के लिए बिजली काटने का काम किया जा रहा है।
रोजा और बारा की बंद इकाई से उत्पादन होगा जल्द
पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का कहना है कि कुछ उत्पादन इकाइयों में आई तकनीकी खराबी की वजह से पर्याप्त बिजली की उपलब्धता में दिक्कतें होना शुरू हो गई है। रोजा में तकनीकी खराबी से बंद 300 मेगावाट की इकाई से उत्पादन जल्द शुरू होने जा रहा है। बारा की 660 मेगावाट की इकाई को भी शुक्रवार तक चालू करने की कोशिशें किया जा रहा है। हर क्षेत्र को शिड्यूल के मुताबिक पूरी बिजली देने की कोशिश हो रही है।
इन इकाइयों में प्रभावित रहा है बिजली का उत्पादन
- ऊंचाहर की एक इकाई पर 116 मेगावाट
- सिंगरौली की एक इकाई पर 279 मेगावाट
- निजी क्षेत्र की प्रयागराज (बारा) की इकाई पर 660 मेगावाट
- रोजा तापीय पर 300 मेगावाट
उत्तर प्रदेश, अंज़र हाशमी