अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्ष की एक मजबूत गठबंधन बनाने जा रही है। इसके लिए आज कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होने जा रही है। यह बैठक कांग्रेस शासित राज्य में हो रही है। कांग्रेस चाहती है कि इस बैठक में उसे UPA के तर्ज पर ही बनने वाले महागठबंधन की भी कमान मिलने वाली है। वहीं, आज होने वाली बैठक में सीट शेयरिंग से लेकर कई मुद्दों पर आज फैसला होने की पूरी उम्मीद लगाई जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस चाहती है कि जैसे 2004 में उसकी नेतृत्व में UPA बना था। ठीक उसी तरह मोदी सरकार के खिलाफ बन रहे महागठबंधन की कमान भी उसे ही मिले। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि 2004 लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरह यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी बनी थीं, उसी तरह नए महागठबंधन में भी सर्वसम्मति से ऐसी नियुक्ति हो जाती है।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस चाहती है कि विपक्षी दलों में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे ही यह पद सौंपा जाए। 23 जून को विपक्ष की पटना में हुई बैठक में कुछ दलों ने नीतीश कुमार को भी संयोजन बनाने की मांग रखना शुरु कर दिया था। हालांकि, इस पर बात आगे नहीं बढ़ाई गई थी।
एकजुट होकर लड़ने और न्यूनतम साझा कार्यक्रम (UPA) तय करने को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों की चर्चा बेंगलुरु में सोमवार को शुरू हुई। वहीं, आज होने वाली बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, राज्यवार गठबंधन, सीट शेयरिंग, एजेंडा के अलावा महागठबंधन के नए नाम पर चर्चा की जा सकती है।