बिना फार्म और पहचान प्रमाण के दो हजार रुपये के नोट बदलने की अनुमति के खिलाफ दायर जनहित याचिका का भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India/ RBI) ने दिल्ली हाईकोर्ट को लेकर विरोध किया गया है।
आरबीआई की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने याचिका का विरोध करने को लेकर कि याचिका को भारी जुर्माना लगाते हुए खारिज होना जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने तमाम निर्णयों में कहा है कि अदालतों को नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। आरबीआई की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अदालत उचित निर्णय पारित होना है।
एक तरफ तो उन्होंने कहा है कि 30 सितंबर के बाद इन नोटों की वैधानिकता जारी रहने, वहीं यह भी कहा है कि 30 सितंबर तक क्या स्थिति रहती है, उसको ध्यान में रखकर आगे फैसला हुआ जाना है।
उन्होंने इस बात का विकल्प खुला रखा है कि निर्धारित अवधि (30 सितंबर) के बाद भी 2,000 रुपये के नोटों को लौटाने की अवधि बढ़ाया जा सकता है।