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बुध प्रदोष व्रत पूजा का ये होने वाला है मुहूर्त, फटाफट जानें विधि

Oct 10, 2023 ABUZAR

पंचांग के अनुसार अश्विन कृष्ण त्रयोदशी यानी प्रदोष बुधवार 11 अक्टूबर 2023 को होने वाला है। इस तिथि की शुरुआत 11 अक्टूबर शाम 5.37 बजे इसकी शुरुआत होने वाली है और यह तिथि 12 अक्टूबर रात 7.53 बजे संपन्न होगी। प्रदोष काल में त्रयोदशी पूजा का समय शाम 5.59 बजे से रात 8.26 बजे तक है यानी पूजा के लिए 2 घंटे 27 मिनट का समय रहने वाला है।

प्रदोष व्रत के दिन दो शुभ योग शुक्ल और शुभ बन रहे हैं। इन योगों में शुरू किया गया, हर कार्य पूरा होता है। यहां जानिए दोनों शुभ योगों के बारे में विस्तार से।

प्रदोषकाल में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना जा रहा है। इसलिए त्रयोदशी तिथि पर व्रत का निर्धारण भी प्रदोषकाल के अनुसार ही होता है। इसलिए शाम को विशेष पूजा होती है। और शिव मंदिरों में शाम के समय प्रदोष मंत्र का जाप करते हैं। इस आसान पूजा विधि को सूत जी ने ऋषियों को बताई थी। आइये जानते हैं प्रदोष व्रत पूजा विधि..

प्रदोष व्रत का जानना होता है नियम
1. प्रदोष व्रत को व्रती को निर्जला रखने की जरुरत है।
2. प्रातः काल स्नान करके भगवान शिव की बेल पत्र, गंगाजल अक्षत धूप दीप सहित पूजा किया जाता है।
3. संध्या काल में फिर स्नान करने के बाद शिवजी की पूजा करें।