भाजपा ने टिकट वितरण में जातिगत समीकरण और नेताओं को ध्यान देकर टिकट बांटा गया है, को मौका दिया है। साथ ही अनुभव भी काफी ध्यान दिया गया है। पार्टी ने संगठन में काम करने वाले नेताओं को लेकर ज्यादा महत्व होता है। साथ ही पिछली बार (CG Election 2023) से सबक लेने के बाद पार्टी ने कई दिग्गज नेताओं को मौका नही मिल है, जो पिछला चुनाव में हार मिली थी। पार्टी ने जातिगत समीकरण को लेकर काफी ध्यान दिया गया है।
21 में से 11 आरक्षित सीटें हैं, जबकि 10 सामान्य सीटें मानी जा रही है। 10 सामान्य सीटों में से ज्यादातर पर पार्टी ने ओबीसी वर्ग को टिकट मिल गया है। केवल एक सीट सामान्य वर्ग के हिस्से में गई है, जबकि सामान्य सीट पर भी आदिवासी को टिकट देकर पार्टी में मौका दिया गया है।
इसमें प्रमुख नाम वर्तमान में संगठन के महामंत्री ओपी चौधरी का नाम भी शामिल हो गया है। वे खरसिया से पिछले विधानसभा चुनाव में लड़े थे। अब चर्चा है कि वो रायगढ़ से चुनाव लड़ेंगे। अभनपुर से चंद्रशेखर साहू का टिकट काटा गया है। ये भी मंत्री रहते हुए पिछली बार चुनाव में हार मिली थी।
साहू समाज का प्रतिनिधित्व करने वालों को मौका दिया गया है। राज्य के पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा का टिकट भी काट दिया गया है। पैकरा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे है।
भाजपा की सूची में पूर्व विधायकों को अवसर मिल गया है, इसमें विजय बघेल, रामविचार नेताम, संजीव शाह और लखन लाल देवांगन का नाम शामिल हैं। इनमें से (Election 2023) देवांगन कटघोरा से 2018 में चुनाव हारे थे। इस बार पार्टी ने उन्हें कोरबा से टिकट दिया है। यहां वे मंत्री जयसिंह अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए हैं।