अफगानिस्तान (Afghanistan) में आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) को सत्ता में लौटे जाने के साथ इस 15 अगस्त को 2 साल पूरे हो चुके हैं। पर अगर तालिबान राज को तालिबान आतंक कहा जाए तो, तो यह गलत नहीं होने वाला है। 15 अगस्त, 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान में तख्तापलट किया गया और देश की सत्ता पर कब्ज़ा करते हुए देश में आतंक का राज स्थापित हो गया था। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्ज़ा होते ही पूरे देश की व्यवस्था बिगड़ना शुरु हो गई। अफगानिस्तान में अर्थव्यवस्था, कानून व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था के साथ सब कुछ चरमरा शुरु कर दिया था। लोगों को उनके मानवाधिकारों तक से दूर रखा जाने लगा। महिलाओं को तो शिक्षा और पढ़ाई तक से वंचित रखा जाना शुरु कर दिया। तालिबान के आतंक में अफगानिस्तान में पिछले 2 साल काफी मुश्किलों भरे रहे हैं। हाल ही में अफगानिस्तान में तालिबान के आतंक के 2 साल के बारे में यूएन (UN) ने एक चौंका देने वाली रिपोर्ट जारी हो चुकी है।
यूएन रिपोर्ट का चौंका देने वाला हुआ खुलासा
हाल ही में यूनाइटेड नेशन्स की एक रिपोर्ट ने चौंका देने वाला खुलासा कर दिया है। तालिबान के आतंकी राज में पिछले 2 साल में पूर्व की अफगानिस्तान सरकार के लिए काम करने वाले अधिकारी, सिक्योरिटी फोर्सेज़ में काम करने वाले लोग, आर्मी के सैनिक, पुलिसकर्मी और इंटेलिजेंस फोर्सेज़ के मिलाकर 200 से ज़्यादा लोगों की हत्या हो गई। इन लोगों को पहले हिरासत में लिया गया, प्रताड़ित किया गया और फिर हिरासत में ही हत्या कर दी गई। हत्या के बाद ज़्यादातर लोगों के शवों को अज्ञात स्थानों पर फेंक दिया गया। कुछ शवों को उनके परिवारजनों को सौंपा गया।