पितृपक्ष के बाद जल्द ही त्योहारों का लंबा सिलसिला जल्द ही आरंभ होगा। नवरात्रि, दशहरा, दिवाली, भाई दूज, छठ पूजा, क्रिसमस जैसे त्योहार लोगों के सर पर चढ़कर बोलने लगा है।
सेहतनामा- तले-भुने पकवान हैं सेहत के दुश्मन:त्योहार मनाएं, लेकिन शरीर को सेहतमंद रखने के लिए ये 8 फेस्टिव मंत्र भी अपनाएं से लाभ मिलेगा।
2 दिन पहले
पितृपक्ष के बाद जल्द ही त्योहारों का लंबा सिलसिला शुरू होने वाला है। नवरात्रि, दशहरा, दिवाली, भाई दूज, छठ पूजा, क्रिसमस जैसे त्योहार लोगों के सिर चढ़कर बोलना शुरू हो गया है।
इस दौरान न तो खानपान पर लोगों का कंट्रोल रह पाता है और न ही वो यह ध्यान रख पाते हैं कि उनके शरीर के लिए कौन सी चीज ठीक है और कौन सी नहीं।
इस दाैरान तले-भुने पकवान, मिठाइयां और अल्कोहल का जमकर इस्तेमाल होता है। जब खाने को आसपास इतनी सारी वेरायटी की स्वादिष्ट चीजें हों तो सेहत और हाजमे का ख्याल रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। कुछ लोग तो पेट को डस्टबिन समझकर दिन भर इसमें कुछ न कुछ डालना शुरू किया जाता है।
ऐसे में एसिडिटी, पेट फूलना, सिरदर्द और कभी-कभी हार्ट अटैक तक की नौबत आ सकती है। इस हार्ट अटैक को फेस्टिव हार्ट सिंड्रोम भी कहा जाता है, जो ज्यादा खानपान और हरारत की वजह से होता है।
फेस्टिव सीजन में ओवरईटिंग की दिक्कत
रांची में इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर रविकांत चतुर्वेदी कहते हैं कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के महीने त्योहारी महीने हैं। इस दौरान सबसे ज्यादा समस्या ओवरईटिंग की होती है, जिससे पेट फूलना, एसिडिटी, फूड पॉइजनिंग और उससे जुड़ी समस्याएं होती हैं।
इसके अलावा ज्यादा मात्रा में अल्कोहल लेने से भी एसिडिटी और गैस्ट्राइटिस की समस्या हो जाती है।
ज्यादा अल्कोहल लेने से खून में शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल लेवल तेजी से बढ़ जाता है। खासकर उन लोगों में यह और भी ज्यादा देखा जाता है, जो पहले से डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीज होते हैं।