3 महीने से ज्यादा समय की बात करें तो मणिपुर में हिंसा जारी है। हालांकि पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी। हिंसा पर रोक थी लेकिन शुक्रवार की सुबह उखरुल के थोवई कुकी गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 नागा युवकों की मौतहो गई। मणिपुर पुलिस ने घटना की पुष्टि की है। मरने वाले तीनों लोग नागा समुदाय के बताए गई।
इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में लगी हुई है लेकिन बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या कुकी और मैतई के लड़ाई में अब नागा भी कूद पड़े हैं? अगर इसका जवाब हां में है तो वह किसकी तरफ से लड़ रहे हैं। ये जांच के साथ ही राज्य और केंद्र सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
नागा समुदाय के तीन युवकों की हत्या
मणिपुर के लिटन पुलिस थाना क्षेत्र में पड़ने वाले कुकी गांव थोवई में सुबह-सुबह भारी गोलीबारी की आवाजें सुनी थी. पुलिस के मुताबिक तीन क्षत-विक्षत शव मिले, जिन पर स्पष्ट रूप से धारदार चाकूओं से वार के निशान थे. बीएसएफ और पुलसि ने इलाके की घेराबंदी कर आरोपियों की तलाश शुरू तीन मृत युवकों की उम्र 24 साल से 35 साल है। इस बीच अब नागा बहुल जिले में युवकों की मौत से स्थिति बिगड़ने की आशंका लगाई है।
घटना के बाद पुलिस प्रशासन की टेंशन बढ़ गई है। इसको लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है और चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल आरोपियों की तलाश में कॉम्बिंग की जा रही है और स्थिति काबू में है।