अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का भव्य मंदिर तेजी से बनना शुरु हो गया है। मंदिर निर्माण के दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सबसे ज्यादा प्राथमिकता इसकी मजबूती को होना शुरु हो गया है। भगवान राम के मंदिर की आयु 1000 वर्षों तक रहे, किसी भी परिस्थिति में मंदिर एंव सुरक्षित माना जा रहा है। इसके लिए काबिल इंजीनियरों से संपर्क किया गया है।
इसके लिए सभी वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल काबिल इंजीनियरों द्वारा किया जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट समय-समय पर देश के नामचीन वैज्ञानिकों से मंदिर की मजबूती और आयु कितनी होगी इसके लिए राय मशवरा लेना शुरु हो चुका है। अनुमान के मुताबिक अगले साल जनवरी महीने के अंत में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी और आम भक्तों के लिए खोल देने जा रहा है।
समय-समय पर ट्रस्ट श्री राम मंदिर के निर्माणकार्य से जुड़ी जानकारियों को साझा करता रहता है। नए अपडेट में बताया गया कि मंदिर में 42 दरवाजे लगाए जाएंगे जो महाराष्ट्र से मंगाई गई टीक की लकड़ी से बनाया जा रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि मंदिर के गर्भग्रह में सोने का दरवाज़ा लगाया जाएगा। जिसके लिए चंडीगढ़ से खास ईंटें मंगाई गईं है। रामलला के गर्भग्रह के अंदर तापमान को कम करने के लिए पत्थरों की दीवार और बाहरी पत्थरों के दीवार के बीच में विशेष ईंट का प्रयोग किया जा रहा है। यह मंदिर के तापमान को कम करने का कार्य करने वाली है।
पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए तांबे की पत्ती को लेकर भी इस्तेमाल होने वाला है। ईट की पकड़ मजबूत करने के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है। गर्भग्रह में भगवान श्री राम के बालरूप की दो मूर्तिया लगने वाली है। एक मूर्ति चल होगी और दूसरी अचल। फ़िलहाल अस्थाई राममंदिर जो में राम जी की भाइयों के साथ बैठी अवस्था में मूर्ति है वह चल मूर्ति होने जा रही है, यानी इस मूर्ति की पूजा होगी। वहीं दूसरी अचल मूर्ति होगी, जिसका भक्त सिर्फ दर्शन कर सकेंगे। इस मूर्ति को अभी तैयार किया जा रहा है।