विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लिवाली का सिलसिला जुलाई में जारी हो गया है। इस महीने में अबतक एफपीआई ने भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 45,365 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया है
हालांकि, ऐसा लगता है कि एफपीआई की लिवाली की रफ्तार अब सुस्त पड़ रही है। फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले पिछले दो कारोबारी सत्रों में विदेशी निवेशक बिकवाल हो रहा है।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने आगे ब्याज दर में और बढ़ोतरी का संकेत दिया है और तत्काल ब्याज दर घटाने की संभावना से इनकार किया है।’’
उन्होंने कहा कि ब्याज दर वृद्धि के वैश्विक स्तर पर तरलता की स्थिति पर संभावित असर को देखते हुए एफपीआई अपने निवेश का नए सिरे से आकलन किया जा रहा है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई मार्च से भारतीय शेयरों में खरीदारी कर रहे हैं। इस महीने वे अबतक शेयरों में 45,365 करोड़ रुपये डाल दिया जाता है।
जुलाई में अब सिर्फ एक कारोबारी दिन बचा है।
लगातार तीसरे महीने FPI फ्लो ने 40,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को किया पार
यह लगातार तीसरा महीना है जबकि एफपीआई का प्रवाह 40,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार हो चुका है।
इससे पहले जून में उन्होंने शेयरों में 47,148 करोड़ रुपये और मई में 43,838 करोड़ रुपये डाला जा चुका है।
पिछले तीन माह के दौरान एफपीआई शेयर बाजारों में 1.36 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। मार्च से पहले जनवरी और फरवरी में एफपीआई ने शेयरों से कुल मिलाकर 34,626 करोड़ रुपये निकाल लिया था।