आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय निर्वाचन आयोग की टीम पश्चिम बंगाल के साथ बैठक की। यहां उन्होंने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ बैठक किया। इसके अलावा चुनाव आयोग द्वारा सभी जिले के जिलाधिकारी के साथ बैठक।की। इस बीच ममता बनर्जी ने अपने कैबिनेट के करीब आधा दर्जन मंत्रियों के विभाग में बड़ा फेरबदल किया है। बता दें कि सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही देश के करीब 12 राज्यों के विधानसभा चुनाव को एक साथ करने को लेकर प्लान बजना रही है।
पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे चुनाव आयोग के दो वरिष्ठ उपचुनाव आयुक्तों धर्मेंद्र शर्मा और नितेश कुमार व्यास ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब के साथ साथ मतदाता सूची के विशेष सारांश पुनरीक्षण और राज्य को लेकर 2024 लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव तैयारियों को लेकर बैठक हुई। समीक्षा बैठक में कई जिलों के जिला मजिस्ट्रेट और अन्य नियुक्त चुनाव अधिकारी भी हिस्सा ले रहे।
अगले साल 42 सीटों वाले संसदीय चुनावों के लिए इस तरह की पहली समीक्षा बैठक में मतदाता सूची को लेकर चर्चा हुई, नए मतदाताओं के नाम शामिल करने, मृत मतदाताओं के नाम हटाने और फर्जी वोटर आईडी को रद्द करने पर विशेष ध्यान मिला है।
वहीं, देश में में एकीकृत चुनाव प्रणाली लागू करने के लिए एक बड़ी खबर आ रही है। संसद में बुलाए गए विशेष सत्र के बाद मोदी सरकार कभी भी लोकसभा भंग करके चुनाव आयोग को चुनाव कराने की सिफारिश कर सकती है। संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है। इस सत्र में एक देश, एक चुनाव को लेकर बड़ी चर्चा संभावित बताई जा रही है। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनाव अभियान को पूरी तरह से लोकसभा चुनाव पर केंद्रित किया है।
वह कई बार विभिन्न मंचों से यह बात दोहरा चुकी है कि तैयारी लोकसभा की हो रही है। ऐसे में देश में करीब एक दर्जन राज्यों का विधानसभा चुनाव कराने की संभावना बहुत की प्रबल हो चुकी है।
देश के 12 राज्य ऐसे है जहां इस साल के अंत या अगले साल के शुरू में चुनाव होने की उम्मीद है। इन राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर शामिल है। हालांकि इनमें महाराष्ट्र और हरियाणा का कार्यकाल अक्टूबर- नवंबर 2024 है।