नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के करमाडेक में भूकंप आने सबकुछ तहस नहस हो गया। US जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 तक पहुंच चुकी थी। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर अंदर तक धसा हुआ था। हालांकि, नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने जानकारी दिया है कि तीव्रता 6.8 थी और केंद्र जमीन से 41 किलोमीटर तक पहुंच गया था।
भूकंप के बाद USGS ने न्यूजीलैंड में सुनामी को लेकर चेतावनी भी दिया। हालांकि, न्यूजीलैंड की नेशनल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी की तरफ से खतरा नहीं होने की जानकारी मिली है। फिलहाल किसी तरह के नुकसान को लेकर जानकारी नहीं मिली है।
15 फरवरी को 6.1 तीव्रता का भूकंप से मची खलबली
15 फरवरी को न्यूजीलैंड में 6.1 तीव्रता का भूकंप आने से काफी नुकसान हो गया था। राजधानी वेलिंगटन सहित ऑकलैंड और क्राइस्टचर्च शहर में लोगों ने करीब 30 सेकेंड झटके को महसूस करना शुरु किया था। इसका केंद्र परपरौमू शहर से 50 किलोमीटर दूर तक पहुंच गया था। इसके कुछ ही देर बाद 4.0 तीव्रता का दूसरा झटका भी महसूस हुआ था।
न्यूजीलैंड में भूकंप आता रहता है। क्योंकि ये दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास मौजूद है। न्यूजीलैंड के अलावा पापुआ न्यू गिनी, ताइवान, वनुआतू और दूसरे प्रशांत द्वीपों में भूकंप की आशंका हमेशा होती है। यह इलाका महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला- रिंग ऑफ फायर के आसपास स्थित हो गई है।
रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कई कॉन्टिनेंटल के अलावा ही कई सारी प्लेट्स भी मौजूद होती है। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप से काफी नुकसान हो जाता है, सुनामी उठती है और ज्वालामुखी भी फटना शुरु ह जाता है। दुनिया के 90% भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर क्षेत्र मे पहुंच चुका है। यह क्षेत्र 40 हजार किलोमीटर के साथ फैला हुआ है।