सितंबर में फुटकर महंगाई में 1.81% की गिरावट हुई है। सितंबर में फुटकर महंगाई दर 5.02% पर आ गई। अगस्त में ये 6.83% पर थी। जुलाई में 7.44% थी। सब्जियों के दाम कम होने के चलते इसमें गिरावट आई है।
बीते महीने शहरी महंगाई दर घटकर 4.65% पर आ गई जो अगस्त में 6.59% पहुंच गया था। ग्रामीण महंगाई दर भी सितंबर में घटकर 5.33% पर आ गई है जो अगस्त में 7.02% बनी हुई थी।
इसी महीने हुई RBI मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग की जानकारी देते हुए RBI गवर्नर ने कहा था कि वित्तीय वर्ष 2024 के लिए महंगाई अनुमान को 5.4% पर बरकरार रखाना अहम हो जाता है । पिछली मीटिंग में इसे 5.1% से बढ़ाकर 5.4% किया था। RBI गवर्नर ने कहा कि सितंबर में महंगाई में कमी आने की उम्मीद है।
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम होने जा रही है।
महंगाई कम करने के लिए बाजार में पैसों के बहाव (लिक्विडिटी) को कम किया जाता है। इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) रेपो रेट बढ़ाता है। जैसे RBI ने अप्रैल, जून और जुलाई में रेपो रेट में इजाफा न करने का फैसला किया था। इससे पहले RBI ने रेपो रेट में लगातार 6 बार इजाफा किया था। RBI ने महंगाई के अनुमान में भी कटौती की थी।