म्यांमार में सेना (म्यांमार जुंटा) और विद्रोही गुटों के बीच पिछले कुछ समय से सशस्त्र संघर्ष चल रहा है। इससे देश में हालात बिगड़ गए हैं। विद्रोही गुटों की बगावत से म्यांमार में सैन्य शासन को चुनौती भी मिलना शुरु हो चुकी है। म्यांमार में चल रही इस हिंसा का असर लोगों पर भी पड़ रहा है। विद्रोही गुटों पर लगाम लगाने के लिए म्यांमार जुंटा पूरी ताकत लगा रही है। इसके चलते म्यांमार जुंटा ने चिन राज्य में एयरस्ट्राइक कर दी। इससे इलाके में हालात बेकाबू हो गए हैं। गोलीबारी का दौर पहले से ही चल रहा था और एयरस्ट्राइक ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। एयरस्ट्राइक का निशाना खावमावी और रिहखावदार में दो सैन्य ठिकाने रहे, लेकिन हमले का असर सामान्य लोगों पर भी पड़ रहा है। लेकिन म्यांमार में स्थिति बिगड़ने का असर भारत पर भी पड़ना शुरु हो गया है।
म्यांमार भारत का पड़ोसी देश है। भारतीय राज्य मिज़ोरम के 6 जिलों चम्फाई, सियाहा, लांग्टलाई, सेरछिप, हनाथियाल और सैतुअल की 510 किलोमीटर लंबी बॉर्डर म्यांमार से जुडी हुई है। म्यांमार में गोलीबारी, बमबारी और एयरस्ट्राइक के चलते वहाँ के लोगों में दहशत का माहौल है। कई सामान्य लोग इन हमलों में घायल भी हुए हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि हमलों से बचने के लिए म्यांमार के 2,000 से ज़्यादा नागरिकों ने भारत की बॉर्डर पर करते हुए भारत में घुस गए थे।
म्यांमार से भारत की बॉर्डर पार करके आए इन लोगों ने मिज़ोरम के चम्फाई जिले के जोखावथर में शरण ली। यहाँ पर यंग मिज़ो एसोसिएशन और दूसरे लोकल लोग इन शरणार्थियों की मदद कर रहे हैं।