भारत सरकार सैन्य प्रतिष्ठानों में एंटी ड्रोन तकनीक की तैनाती पर जल्द फैसला ले सकती है। इजरायल के एंटी ड्रोन सिस्टम स्मश 2000 प्लस को लेकर पहले ही रक्षा बलों की प्रक्रिया चल रही है।स्मश 2000 प्लस उपकरण को राइफल पर फिट किया जाता है तथा इससे उड़ते ड्रोन को लक्ष्य कर निशाना साधा जा सकता है। नौसेना पहले ही इसकी खरीद की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। अब वायुसेना और सेना के लिए भी इस तकनीक को लिए जाने की संभावना है। दरअसल, ड्रोन को अक्सर राडार पर पकड़ पाना मुश्किल होता है। खासकर तब जब वह कम ऊंचाई पर उड़ान भर रहे होते हैं।यह मूलत एक इलेक्ट्रो ऑप्टिकल साइट सिस्टम है। उपकरण दिन में ही नहीं रात में भी ड्रोन, बैलून या पतंग को डिटेक्ट कर सकता है तथा 120 मीटर की गति पर भी उस पर निशाना लगाने में मदद प्रदान करता है।सुरक्षा में तैनात बलों को यह सिस्टम उपलब्ध कराने पर पहले ही विचार चल रहा था। लेकिन अब जम्मू की घटना के बाद सरकार इस पर तुरंत निर्णय कर सकती है।
सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)